बीसीसीआई का घरेलू महिला क्रिकेटरों और मैच अधिकारियों के वेतन में ऐतिहासिक इज़ाफ़े का फ़ैसला

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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। बीसीसीआई ने घरेलू सर्किट में खेलने वाली महिला क्रिकेटरों और मैच अधिकारियों की फीस में व्यापक बढ़ोतरी करने का फ़ैसला किया है। नए वेतन ढांचे के तहत खिलाड़ियों की प्रतिदिन की कमाई में लगभग २.५ गुना तक की वृद्धि की गई है। यह निर्णय भारत की महिला टीम द्वारा २०२५ आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद लिया गया है, जहां टीम इंडिया ने पहली बार यह खिताब अपने नाम किया।
बीसीसीआई के इस कदम को महिला क्रिकेट में लंबे समय से चली आ रही वेतन असमानता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। खिलाड़ियों के साथ-साथ मैच अधिकारियों की फीस में भी बढ़ोतरी कर बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरे महिला क्रिकेट इकोसिस्टम को मज़बूत करना चाहता है।
अब सीनियर महिला टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली खिलाड़ियों में अंतिम एकादश में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी को ५०,००० रुपये प्रतिदिन और रिज़र्व खिलाड़ियों को २५,००० रुपये प्रतिदिन मिलेंगे। राष्ट्रीय महिला टी २० मैचों में अंतिम एकादश में शामिल खिलाड़ियों को २५,००० रुपये प्रतिदिन और रिज़र्व खिलाड़ियों को १२,५०० रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे।
इसके अलावा जूनियर महिला खिलाड़ियों (अंडर-२३ और अंडर-१९) को भी इसका लाभ मिलेगा। जूनियर वर्ग में अंतिम एकादश में शामिल खिलाड़ियों को २५,००० रुपये प्रतिदिन और रिज़र्व खिलाड़ियों को १२,५०० रुपये प्रतिदिन मिलेंगे।
इस नए ढांचे के तहत सीनियर महिला टूर्नामेंट में अंतिम एकादश में शामिल खिलाड़ियों की प्रतिदिन मैच फीस २०,००० रुपये से बढ़ाकर ५०,००० रुपये कर दी गई है। इसी तरह सीनियर टीम की रिज़र्व खिलाड़ियों को अब १०,००० रुपये की बजाय २५,००० रुपये प्रतिदिन मिलेंगे, जिससे टीम की प्रत्येक सदस्य को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
बीसीसीआई अधिकारियों के अनुसार, कोई शीर्ष घरेलू महिला क्रिकेटर यदि पूरे सीज़न में सभी प्रारूपों में खेलती है तो वह १२ से १४ लाख रुपये तक की कमाई कर सकती है।
बीसीसीआई के इस फ़ैसले से अंपायर और मैच रेफरी जैसे मैच अधिकारियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। अब घरेलू लीग मैचों के लिए मैच अधिकारियों को ४०,००० रुपये प्रतिदिन वेतन मिलेगा। वहीं नॉकआउट मैचों में मैच के महत्व के अनुसार ५०,००० रुपये से ६०,००० रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे।
इसके चलते रणजी ट्रॉफी के लीग मैचों में अंपायरों की कमाई अब लगभग १.६० लाख रुपये प्रति मैच होगी, जबकि नॉकआउट मैचों में उन्हें २.५ लाख से ३ लाख रुपये तक मिलेंगे।
नया वेतन ढांचा घरेलू महिला क्रिकेटरों के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करेगा। इससे खिलाड़ियों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी और आने वाले समय में महिला क्रिकेट को और अधिक प्रतिस्पर्धी तथा टिकाऊ बनाने में यह फ़ैसला महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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