सिलीगुड़ी: बांग्लादेश में हिंसा की आग भले ही धीमी पड़ गई हो, लेकिन अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथियों का जुल्म चरम पर है। ढाका में हिंदू युवक दीपु दास की पीट-पीटकर हत्या और फिर सरेआम उसके शव को आग के हवाले करने की घटना ने रोंगटे खड़े कर दिए हैं। इसके खिलाफ आज सिलीगुड़ी में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू जागरण मंच की ओर से विरोध रैली निकाली गई। इसका नेतृत्व कर रहे थे विहिप के प्रदेश सचिव लक्ष्मण बंसल, विभाग प्रमुख राकेश अग्रवाल, संगठन मंत्री अनूप मंडल, हिन्दू जागरण मंच के संजय मंडल, सौमित्र दे तथा प्रेम कुमार अग्रवाल उर्फ लाला कर रहे थे।सिलीगुड़ी पानीटंकी मोड़ से रैली शुरू होकर नगर का परिक्रमा किया।
जुटे प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आक्रोश जताते हुए प्रतीकात्मक पुतला दहन किया। प्रदर्शन हिंदुओं पर हो रही हत्याओं, लूटपाट तथा मठों व मंदिरों को नुकसान पहुंचाए जाने की घटनाओं के विरोध में किया गया।प्रदर्शन के दौरान विहिप और हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लेकर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे। इंटरनेशनल मार्केट सेवक रोड में बांग्लादेशी बीजा कार्यालय को प्रदर्शनकारियों ने बंद करा दिया। संचालक से आग्रह किया कि वे कार्यालय बंद रखे। यहां से बोर्ड ओर बांग्लादेशी झंडा को हटा ले। कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे विहिप के प्रदेश सचिव लक्ष्मण बंसल ने कहा कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले तेजी से बढ़े हैं।2024 में 5 अगस्त को शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमले हुए। हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने बताया कि 4 अगस्त से 20 अगस्त के बीच केवल 16 दिनों में अल्पसंख्यकों पर 2,010 हमले हुए, जिनमें 69 मंदिर भी शामिल हैं। इन हमलों में 157 परिवारों के घरों को क्षतिग्रस्त, लूटा, नष्ट या जला दिया गया, और उनकी कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया और लूटा गया। इन हमलों के दौरान 15 दिनों में 9 हिंदुओं की हत्या कर दी गई, जिनमें से 2 की पहचान अवामी लीग के सदस्यों के रूप में हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदुओं की हत्या, घरों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ व लूटपाट तथा धार्मिक स्थलों को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, जो गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है।कहा कि भारत-बांग्लादेश विभाजन के समय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की दी गई गारंटी का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान हालात उस ऐतिहासिक वादे के ठीक विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि केवल धार्मिक पहचान के कारण हिंदुओं को निशाना बनाया जाना किसी भी सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य है। इसी आक्रोश के बीच विहिप कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश के कार्यकारी प्रधानमंत्री का प्रतीकात्मक पुतला दहन किया और भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग उठाई।
विहिप नेताओं ने केंद्र सरकार से कूटनीतिक स्तर पर बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि यदि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके, तो संगठन देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगा। प्रदर्शन के दौरान कुछ समय के लिए माहौल तनावपूर्ण रहा, हालांकि मौके पर मौजूद प्रशासन की सतर्कता से स्थिति नियंत्रण में रही और कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।










