सांसद बिस्टा ने सीआरआईएफ पर उठाए सवाल

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नई दिल्ली: संसद के चालू सत्र में दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजू विष्ट ने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के उपयोग को लेकर प्रश्न उठाया है। इस संबंध में जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। सीआरआईएफ का उपयोग मुख्य रूप से पूरे भारत में राष्ट्रीय एवं राज्यीय सड़कों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं के विकास और रखरखाव के लिए किया जाता है।
सांसद विष्ट के प्रश्न के उत्तर में माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने बताया कि वर्ष २०१९–२० से केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को सीआरआईएफ के अंतर्गत ₹१७३६ करोड़ से अधिक की राशि आवंटित की है। इसमें से पश्चिम बंगाल सरकार ने दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों के लिए ₹८०.३४ करोड़ की राशि निर्धारित की है।
इस संबंध में सांसद विष्ट ने आगे कहा, “यह जानकर मैं स्तब्ध रह गया कि बर्दवान रोड फ्लाईओवर वास्तव में सीआरआईएफ निधि से निर्मित किया जा रहा है और केंद्र सरकार ने इसके लिए वित्त वर्ष २०१७–१८ में ही ₹६१.५४ करोड़ की राशि आवंटित कर दी थी। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष २०२२–२३ में एनएच-३१  के माटीगारा–कुर्सियांग खंड के सतहीकरण कार्य के लिए केंद्र सरकार ने ₹२०.१४ करोड़ भी आवंटित किए हैं।”
उन्होंने कहा कि इससे दो तथ्य स्पष्ट रूप से सामने आते हैं—पहला, दार्जिलिंग पहाड़, तराई और डुआर्स क्षेत्रों में हो रहे समस्त विकास कार्य केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित हो रहे हैं; और दूसरा, महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं में हो रही अत्यधिक देरी का मुख्य कारण तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की अक्षमता है।
आज सांसद ने माननीय नितिन गडकरी जी को पत्र लिखकर सिलिगुड़ी स्थित बर्दवान रोड फ्लाईओवर के पुराने हिस्सों की संरचनात्मक मजबूती का विस्तृत आकलन कराने तथा इस महत्वपूर्ण परियोजना में हो रही दीर्घकालिक देरी का तत्काल समाधान करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने आदरपूर्वक निम्नलिखित कदमों पर विचार करने का आग्रह किया है:

१. परियोजना में हुई देरी के कारणों की जांच करने तथा आवंटित धनराशि के उपयोग की छानबीन के लिए एक तृतीय-पक्ष एजेंसी का गठन किया जाए।

२. जनसुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरओबी के पूर्ण हो चुके हिस्सों की संरचनात्मक मजबूती का तकनीकी मूल्यांकन कराने हेतु संबंधित विभाग को निर्देश दिए जाएं।


अंत में सांसद राजू विष्ट ने आशा व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि माननीय मंत्री के शीघ्र हस्तक्षेप से यह परियोजना शीघ्र पूर्ण होने में सहायता मिलेगी।”

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