कपिलबस्तु: नेपाल स्थित भारतीय दूतावास की ओर से लुम्बिनी विकास कोष और लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के सहयोग में ८ दिसंबर २०२५ को लुम्बिनी में भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव का तीसरा संस्करण आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बौद्ध धर्म रहा, जिसके माध्यम से भारत और नेपाल की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का उत्सव मनाया गया। महोत्सव का उद्घाटन लुम्बिनी प्रदेश के माननीय प्रदेश प्रमुख कृष्ण बहादुर घर्ती मगर, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (उत्तर) मुनु महावर, लुम्बिनी विकास कोष के उपाध्यक्ष डॉ. ल्हारक्याल लामा तथा नेपाल स्थित भारतीय दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन डॉ. राकेश पांडे ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ भिक्षु, शिक्षाविद, नागरिक समाज के सदस्य तथा लुम्बिनी विकास कोष के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में लोगों की सहभागिता रही।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भारत और नेपाल के प्रसिद्ध कलाकार शामिल थे। भारत की प्रसिद्ध कलाकार सन्ध्या कुंजन मेनन दास के नेतृत्व में आईसीसीआर के छह सदस्यीय दल ने बौद्ध विषय पर आधारित ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि शाम के सत्र में नेपाली बैंड ‘घुगु मुगु’ ने पारंपरिक संगीत प्रस्तुति दी।
महोत्सव के तहत लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में “इंडिया-नेपाल बौद्ध विरासत: एक साझा धरोहर” विषय पर एक शैक्षिक गोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें दोनों देशों के विख्यात बौद्ध विद्वानों ने भाग लिया। गोष्ठी का उद्देश्य दो देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना और जनता के बीच आपसी समझ बढ़ाना था।
इस सांस्कृतिक आयोजन ने भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।










