काठमांडू: नेपाल में आगामी चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है, लेकिन राजनीतिक दलों के भीतर अभी भी चुनाव की सुरक्षा, माहौल और स्वतंत्र प्रचार–प्रसार को लेकर गहरी आशंकाएँ बनी हुई हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री सुशीला कार्की द्वारा बालुवाटार में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, एमाले, नेकपा, रास्वपा, राप्रपा, जसपा नेपाल और जनमत पार्टी के नेताओं ने खुलकर अपनी चिंताएँ रखीं।
दल बोले “स्वतंत्र और भयरहित चुनाव की गारंटी चाहिए”:
बैठक में सभी दलों का मुख्य जोर इस पर रहा कि मतदाता बिना डर मतदान स्थल तक पहुँच सकें और उम्मीदवारों की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित हो। दलों ने कहा कि चुनाव प्रचार–प्रसार का वातावरण खुला, निष्पक्ष और बिना दबाव वाला होना चाहिए।
“निर्वाचन तय तिथि पर, सुरक्षा में कोई कमी नहीं” पीएम का आश्वासन:
प्रधानमंत्री कार्की ने सभी दलों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार चुनाव को तय मिति में ही कराएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर चारों सुरक्षा निकाय पहले से सक्रिय हैं और सरकार किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहने देगी।
उनका स्पष्ट संदेश था:
“अब सवाल यह नहीं कि चुनाव होगा या नहीं; सवाल यह है कि चुनाव को सफल कैसे बनाया जाए।”
बैठक की शुरुआत में निर्वाचन आयोग के कार्यवाहक प्रमुख आयुक्त रामप्रसाद भण्डारी ने बताया कि आयोग ने पूरा कार्यतालिका तैयार कर लिया है और ५मार्च २०२६ को एक ही चरण में चुनाव कराने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। आयोग के तीन आयुक्त, सचिव और सहसचिव सहित कुल ७ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
दल–दर–दल प्रतिक्रियाएँ:
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी चुनाव में जाने का निर्णय ले चुकी है, इसलिए “अब गेंद सरकार के पाले में है।”
एमाले ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर शंका जताते हुए सरकार से स्पष्ट सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी मांगी।
नेकपा ने कहा कि चुनाव में जाने का निर्णय लिया जा चुका है, लेकिन सरकार को सभी दलों को साथ लेकर माहौल मजबूत बनाना होगा।
रास्वपा ने विदेश में रहने वाले नेपाली मतदाताओं के लिए मतदान व्यवस्था पर सवाल उठाया, हालांकि इसका स्पष्ट जवाब सरकार से नहीं मिला।
राप्रपा ने हमेशा की तरह चुनाव के पक्ष में खड़े होने की बात दोहराई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून–व्यवस्था में जनता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, उसके बाद ही सुरक्षा बल आते हैं।
उन्होंने आगे कहा “हम जेन–जी आंदोलन से निकले हैं, लेकिन राजनीतिक दलों के विरोधी नहीं। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए निष्पक्ष चुनाव आवश्यक है।”
निष्कर्ष:
सर्वदलीय बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि दलों की चिंता अभी भी बरकरार है, लेकिन प्रधानमंत्री कार्की ने राजनीतिक स्थिरता और शांति का भरोसा देकर चुनाव को समय पर सफलतापूर्वक कराने का वादा किया है। अब निगाहें आयोग और सुरक्षा तंत्र की तैयारियों पर टिक गई हैं, जो आने वाले दिनों में चुनावी माहौल को कितना मजबूत बना पाते हैं, यह निर्णायक होगा।









