दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ४ से ५ दिसंबर के बीच भारत दौरे पर आने वाले हैं, और उनकी यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने बेहद कड़े इंतजाम किए हैं। रूस की विशेष सुरक्षा टीम पहले ही भारत पहुँच चुकी है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि विदेश दौरों पर पुतिन की सुरक्षा कैसी होती है।
पुतिन दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा भी उसी स्तर की होती है। किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के भारत आने पर विशेष सुरक्षा दी जाती है, लेकिन पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था सामान्य से बिल्कुल अलग और अधिक सख्त मानी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन जहाँ भी जाते हैं, उनकी सुरक्षा टीम पहले से पहुँचकर भीड़ में घुल-मिल कर हालात का जायज़ा लेती है। क्रेमलिन का कहना है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या और स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर हमले के बाद पुतिन की सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है।
उनके काफिले में एक पोर्टेबल लैब भी रहती है, जिसमें हर तरह के भोजन की जाँच की जाती है। यह प्रक्रिया देश के भीतर हो या विदेश में—हर जगह समान रूप से सख्त रहती है। पुतिन केवल उसी भोजन को ग्रहण करते हैं जिसे लैब से स्पष्ट रूप से सुरक्षित घोषित किया गया हो। वह केवल अपने निजी खानसामे द्वारा बनाया गया खाना ही खाते हैं, और उनके साथ उनकी कुकिंग टीम हर दौरे पर मौजूद रहती है। भोजन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री और पीने का पानी तक रूस से ही लाया जाता है।
सबसे अनोखी बात यह है कि पुतिन विदेश दौरों पर अपना पोर्टेबल टॉयलेट भी साथ ले जाते हैं। वह यह सुनिश्चित करते हैं कि उनका कोई भी जैविक नमूना (जैसे पॉटी) विदेश में ना छूटे, क्योंकि इससे उनके स्वास्थ्य से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक हो सकती है, जो रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी जाती है।









