इलाम(नेपाल): एक मां के २८ बच्चे! यह आज की पीढ़ी को बुज़ुर्गों द्वारा सुनाई गई कोई परीकथा जैसी लगती है। लेकिन इलाम म्युनिसिपैलिटी-६ में रहने वाली ८३ साल की बच्छीमाया कथेत की ज़िंदगी की यही सच्चाई है।
बच्छीमाया ने १५ साल की उम्र से हर साल लगातार २८ बच्चों को जन्म दिया। वह हर साल और औसतन १४ दिन में बच्चे पैदा करती थीं, और ४७ साल की उम्र तक बच्चों को जन्म देती रहीं।
बच्छीमाया और धन प्रसाद आज भी हंसते हुए अपने बीते कल के बारे में बताते हैं। बच्छीमाया याद करती हैं, ‘कुछ बच्चे घास काटने जाते समय पैदा हुए, कुछ लकड़ी ढोते समय पैदा हुए, मेडिकल ट्रीटमेंट का तो सवाल ही नहीं उठता था,’ ‘मेरी कभी डॉक्टर ने जांच नहीं की। मेरी कोख एक भी दिन खाली नहीं रही, मुझे लगता है कि मेरी ज़िंदगी भी इंसानों जैसी है।’
बच्छीमाया, जिन्होंने १५ साल की उम्र में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था, याद करती हैं कि उन्होंने १९८९ बिक्रम संबत में अपने आखिरी बच्चे को जन्म दिया था। उनमें १४ बेटे और १४ बेटियां थीं। उनका कहना है कि जो २८ बच्चे ज़िंदा पैदा हुए, उनमें से १४ की कम उम्र में ही अलग-अलग बीमारियों की वजह से मौत हो गई। बाकी १४ बच्चों में से सबसे छोटी बेटी की भी तीन महीने पहले ही मौत हो गई।
पाचथर के रानीतर तमाखे की पक्की रहने वाली बच्ची माया और उनके ९३ साल के पति धन प्रसाद कुछ साल पहले बूढ़े होने की वजह से झापा चले गए थे। झापा में बहुत ज़्यादा गर्मी होने की वजह से वे अपने सबसे छोटे बेटे के साथ इलम में रह रहे हैं। वह अभी भी ठीक-ठाक चल-फिर रहा है।










