कोलकाता: भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित नदिया जिले के गेदे चेकपोस्ट एक बार फिर मानवता और कूटनीतिक सहयोग का प्रतीक बना।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मानवीय आधार पर ३१ बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश के सीमा रक्षक बल (बीजीबी) को सौंप दिया। इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, जो भारत में अवैध रूप से निवास और काम करने के आरोप में पकड़े गए थे।
यह प्रक्रिया दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई संयुक्त फ्लैग मीटिंग के दौरान पूरी की गई। मीटिंग में आवश्यक दस्तावेजों के आदान-प्रदान के बाद नागरिकों को औपचारिक रूप से बांग्लादेश को सौंपा गया।
बीएसएफ की ३२वीं बटालियन के गेदे कैंप कमांडर ने बांग्लादेश की ६वीं बीजीबी बटालियन के दर्शन आईसीपी कमांडर को अग्रिम सूचना दी थी।
बीजीबी को सौंपे गए नागरिकों में १६ पुरुष, १० महिलाएं और ५ बच्चे शामिल हैं।
वापस लौटे लोगों ने बताया कि वे बेहतर रोज़गार की तलाश में दलालों के माध्यम से सीमा पार कर भारत पहुंचे थे। मुंबई और अन्य शहरों में मजदूरी करने की आशा लिए आए इन लोगों को पुलिस ने पकड़ा, कानूनी कार्रवाई के बाद जेल की सज़ा पूरी कर, उन्हें औपचारिक प्रक्रिया से वापस भेजा गया।
बांग्लादेश की ओर से दर्शना थाना प्रभारी शहीद तितुमिर ने कहा कि सभी नागरिकों की पहचान सत्यापन के बाद उन्हें परिजनों तक सुरक्षित पहुँचाने की व्यवस्था की जाएगी।
यह पूरी प्रक्रिया भारत-बांग्लादेश के बीच सीमा प्रबंधन और मानवीय सहयोग का उदाहरण मानी जा रही है, साथ ही यह अवैध प्रवासन और मानव तस्करी जैसे मुद्दों की गंभीरता को भी उजागर करती है।









