लोकपाल पर भ्रष्टाचार और विलासिता का आरोप

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कोलकाता: लोकपाल द्वारा कथित तौर पर बीएमडब्ल्यू लग्जरी कारें खरीदने की योजना पर तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को करारा हमला बोला। पार्टी ने इस प्रस्ताव को संस्था के मूल उद्देश्य के खिलाफ बताते हुए कहा कि लोकपाल अब खुद उसी भ्रष्टाचार का प्रतीक बनता जा रहा है, जिसे खत्म करने के लिए इसे बनाया गया था।
पार्टी का दावा है कि लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कारें खरीदने की योजना बनाई जा रही है। टीएमसी ने इसे जनता की गाढ़ी कमाई की बर्बादी बताते हुए कहा, जिस संस्था को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बनाया गया था, वह अब खुद विलासिता में डूबी हुई है। ये लोग जनता की सेवा नहीं, खुद की सेवा में लगे हैं।
टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में लोकपाल को मजाक बना दिया गया है, पहले वर्षों तक पद खाली रखा गया, फिर ‘वफादारों’ से भरा गया, जो जनता की चिंता छोड़कर चमड़े की सीटों और विदेशी कारों में रुचि रखते हैं। टीएमसी राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने कहा, भारत के लोकपाल का वार्षिक बजट ४४.३२ करोड़ रुपये है।
अब, लोकपाल सभी सदस्यों के लिए लगभग ५ करोड़ की लागत से ७ लग्जरी बीएमडब्ल्यू कारें खरीद रहा है। यह पूरे वार्षिक बजट का १०% है। लोकपाल कथित तौर पर एक भ्रष्टाचार विरोधी संस्था है तो फिर भ्रष्ट लोकपाल की जाँच कौन करेगा?
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि लोकपाल जैसी भ्रष्टाचार विरोधी संस्था अब विलासिता में डूबी हुई है। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूँ। टीएमसी के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जतायी है।

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