नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान अमन सेहरावत ने अपनी गलती स्वीकार की है। उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से अपने ऊपर लगाए गए एक साल के प्रतिबंध को हटाने पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
ज़ाग्रेब में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप मुकाबले से पहले वजन घटाने में नाकाम रहने के कारण अमन को डिसक्वालिफाई कर दिया गया था। इसके बाद डब्ल्यूएफआई ने उन पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया। मुकाबले से पहले अमन का वजन निर्धारित सीमा से १.७ किलोग्राम अधिक पाया गया था।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में अमन ने यह स्वीकार किया कि वह वजन घटाने में असफल रहे और यह उनकी गलती थी। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह से मुलाकात कर इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करेंगे।
पेरिस ओलंपिक में ५७ किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले अमन को ५० लाख रुपये की नकद पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “मैं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से मिलकर निलंबन हटाने की अपील करूंगा। यह मेरी पहली गलती थी और मैं इसे दोहराऊंगा नहीं।”
गौरतलब है कि डब्ल्यूएफआई ने २३ सितंबर को अमन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पहलवान ने २९ सितंबर को अपना जवाब जमा किया था, लेकिन महासंघ ने उनके स्पष्टीकरण को असंतोषजनक पाया।
अमन के अनुसार, प्रतियोगिता से एक दिन पहले अचानक पेट दर्द शुरू हो गया था, जिसके कारण वह वजन घटाने की प्रक्रिया जारी नहीं रख सके। उन्होंने बताया,
“प्रतियोगिता से एक हफ्ता पहले से ही मैं वजन कम करने में जुटा था। एक दिन पहले मेरा वजन लगभग ६००-७०० ग्राम ज्यादा था। जिम सेशन के बाद भी यह अंतर बना रहा। अचानक पेट में तेज दर्द हुआ, जिससे मैं कमरे में चला गया। रात में स्थिति बिगड़ती गई और दवा लेने के बावजूद दर्द कम नहीं हुआ।”
अमन ने कहा कि एक साल का यह प्रतिबंध उनके करियर पर बड़ा असर डालेगा, क्योंकि २०२६ में एशियन गेम्स होने वाले हैं।
उन्होंने कहा, “एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप २०२६ मेरा मुख्य लक्ष्य है। चार साल में एक बार होने वाले एशियन गेम्स से चूकना मेरे लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।”