तीन प्रमुख समूहों में बंटेंगे बैंक
नई दिल्ली: भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में बड़े बदलाव की तैयारी है। केंद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने एक नई बैंकिंग संरचना योजना पेश की है, जिसके तहत देश के सरकारी बैंकों को तीन बड़े समूहों में पुनर्गठित किया जाएगा। इसका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सशक्त, कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाना है।
तीन प्रमुख समूह: १. एसबीआई ग्रुप: सबसे बड़ा राष्ट्रीय बैंकिंग नेटवर्क
इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल होंगे। यह समूह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग, वित्तीय समावेशन और ऋण वितरण को मजबूत करेगा। २. केनरा बैंक ग्रुप: एमएसएमई और कृषि क्षेत्र पर फोकस
इस समूह में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल होंगे। यह मुख्य रूप से एमएसएमई, कृषि ऋण, निर्यात और सूक्ष्म उद्यमों के वित्तपोषण पर केंद्रित रहेगा। ३. पीएनबी ग्रुप: खुदरा और विदेशी व्यापार का नेतृत्व
इसमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज़ बैंक शामिल होंगे। यह समूह खुदरा बैंकिंग, आवास ऋण और विदेशी व्यापार से जुड़े वित्तीय कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
सरकार का मानना है कि इससे पूंजी आधार मजबूत होगा, एनपीए पर नियंत्रण बढ़ेगा और डिजिटल सेवाओं का एकीकरण सुनिश्चित होगा। विशेषज्ञ इसे २०१९ के बैंक विलय के बाद सबसे बड़ा सुधार मान रहे हैं।
नई योजना से सरकारी बैंकों की कार्यक्षमता और लाभप्रदता बढ़ेगी और भारतीय बैंकिंग प्रणाली वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और मजबूत बनेगी।
पुनर्गठन कार्यान्वयन:
वित्त मंत्रालय और आरबीआई की संयुक्त टीम परिसंपत्तियों के एकीकरण, संचालन संरचना और मानव संसाधन प्रबंधन को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी।