काठमांडू: भारतीय राजदूतावास काठमांडू में हिन्दी दिवस एवं हिंदी सप्ताह समारोह का धूमधाम से आयोजन किया गया था। इस आयोजन के दौरान दूतावास के अधिकारियों, कर्मचारियों व केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए राजभाषा ज्ञान विज्ञान परीक्षा, कविता पाठ, विज्ञापन लेखन, श्रुतलेख, समाचार वाचन, चित्र देखकर कहानी लेखन आदि अनेक हिंदी प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया।
उक्त प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों के लिए आज हिन्दी दिवस पुरस्कार वितरण समारोह बड़े ही हर्षोल्लास और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण के साथ हुआ, जिसके पश्चात भारतीय राजदूतवास का प्रांगण हिंदीमय वातावरण से गुंजायमान हो उठा।
इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने अपनी सृजनात्मकता और प्रतिभा का मनोहारी प्रदर्शन प्रस्तुत किया। विविध रंगारंग कार्यक्रमों में कविता पाठ सबसे आकर्षण का केंद्र रहा। कियाना सिंह और भाव्या झा की सुसंगठित प्रस्तुति, लयबद्ध ताल और मुद्राओं ने उपस्थित जनों के हृदय को मोह लिया।
इन बच्चों ने न केवल मंच की शोभा बढ़ाई, बल्कि हिंदी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत रूप भी प्रस्तुत किया। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट से वातावरण गुंजायमान हो उठा और समारोह का हर क्षण अविस्मरणीय बन गया।
इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों,अधिकारियों और कर्मचारियों को उप मिशन प्रमुख (डीसीएम) तथा मुख्यातिथि डॉ राकेश पाण्डेय , विशिष्ट अतिथि नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर धनेश्वर नेपाल तथा नेमदा की कुलाधिपति डॉ.निशा शर्मा के द्वारा प्रमाण-पत्र और पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। यह सम्मान समारोह न केवल उनकी मेहनत और प्रतिभा की स्वीकृति थी, बल्कि भविष्य में और भी उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रेरणा का स्रोत भी बना।
इस गरिमामय अवसर पर नेपाल में हिन्दी भाषा के संवर्धन और उन्नयन के लिए सतत प्रयत्नशील हिमालिनी हिन्दी पत्रिका के निदेशक इं. सच्चिदानन्द मिश्र तथा केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य ए. जेराल्ड को अंगवस्त्रम और प्रशस्ति पत्र प्रदान करके विशेष रूप से सम्मानित किया गया तथा उनके प्रयासों की सराहना की गई।
उप मिशन प्रमुख डॉ राकेश पांडे व अन्य मंचासीन अतिथियों ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि वास्तव में, यह आयोजन हिंदी के गौरव तथा कर्मचारियों, अधिकारियों व विद्यार्थियों की प्रतिभा और राजदूतावास की सांस्कृतिक समृद्धि का अद्भुत संगम था। राजदूतावास के प्रेस,सूचना एवं संस्कृति प्रभाग के प्रथम सचिव वशिष्ठ नंदन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थी। श्री धनेश द्विवेदी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के वाद समारोह का समापन हुआ।