नई दिल्ली: भारत की स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने एक बार फिर विश्व मंच पर सफलता का परचम लहराया है। उन्होंने नॉर्वे के फोर्डे में चल रही विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में महिलाओं की ४८ किग्रा वर्ग स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। यह मीराबाई के करियर का तीसरा विश्व चैंपियनशिप पदक है।
पिछले कुछ वर्षों से चोट की समस्या से जूझ रही मीराबाई कई प्रतियोगिताओं में उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई थीं, लेकिन शुक्रवार को हुए मुकाबले में उन्होंने शानदार वापसी की। इस उपलब्धि को लॉस एंजिलिस ओलंपिक २०२८ की तैयारी की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
मीराबाई इससे पहले २०१७ विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण और २०२२ में रजत पदक जीत चुकी हैं। इस बार उन्होंने कुल १९९ किग्रा वजन (८४ किग्रा स्नैच और ११५ किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाकर पोडियम पर जगह बनाई।
स्नैच स्पर्धा में मीराबाई की शुरुआत उम्मीद के अनुसार नहीं रही। उन्होंने ८७ किग्रा वजन दो बार उठाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाईं। तीसरे प्रयास में उन्होंने ८४ किग्रा सफलतापूर्वक उठाया। इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उन्होंने जबरदस्त वापसी करते हुए तीनों प्रयास में सफलता हासिल की और क्रमशः १०९ किग्रा, ११२ किग्रा और ११५ किग्रा वजन उठाकर सभी को प्रभावित किया।
गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक (२०२१) में भी मीराबाई ने ११५ किग्रा क्लीन एंड जर्क उठाकर भारत को ऐतिहासिक रजत पदक दिलाया था। इस बार भी उन्होंने वही आत्मविश्वास दिखाया। भारतीय टीम के मुख्य कोच विजय शर्मा ने पहले ही दावा किया था कि मीराबाई का लक्ष्य २०० किग्रा पार करना है। हालांकि वह इस बार २०० किग्रा तक नहीं पहुंच सकीं, लेकिन १९९ किग्रा उठाकर उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
इस प्रतियोगिता में उत्तर कोरिया की री सोंग गुम ने कुल २१३ किग्रा (९१ किग्रा स्नैच और १२२ किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाकर स्वर्ण पदक जीता। जबकि थाईलैंड की थनयाथोन सुक्चारो ने १९८ किग्रा (८८ किग्रा स्नैच और ११० किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।