कपड़ा हुआ महंगा, आम उपभोक्ताओं पर बोझ

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कोलकाता: ३ सितंबर को सरकार द्वारा घोषित जीएसटी सुधारों के तहत कपड़ा उद्योग पर कर ढांचे में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले जहाँ १,००० रुपये से ऊपर के रेडीमेड वस्त्रों पर १२% जीएसटी लगता था, अब यह सीमा बढ़ाकर २,५०० रुपये कर दी गई है, लेकिन टैक्स दर भी १२% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है।
सरकार इस फैसले को राहत के रूप में प्रचारित कर रही है कि अब २,५०० रुपये तक के कपड़े केवल ५% जीएसटी स्लैब में आएंगे। पर वास्तविकता यह है कि टैक्स दर में ५०% की वृद्धि हुई है, जिससे मध्यम वर्ग और आम उपभोक्ताओं पर सीधा बोझ पड़ेगा।
मूलभूत आवश्यकता पर लग्जरी टैक्स!
चेंबर ऑफ टेक्सटाइल ट्रेड इंडस्ट्री (कोट्टी) के अध्यक्ष महेंद्र जैन ने कहा, “कपड़े किसी भी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता हैं। इन्हें लग्जरी आइटम मानकर टैक्स बढ़ाना बिल्कुल अनुचित है। शादी-ब्याह, त्योहार और अन्य सामाजिक अवसरों पर लोग नए कपड़े खरीदते ही हैं, ऐसे में टैक्स बढ़ने से उनकी जेब पर सीधा असर होगा।”
जैन ने बताया कि कोट्टी के प्रतिनिधियों ने हाल ही में कोलकाता दौरे पर आईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार सिर्फ इस बात का प्रचार कर रही है कि टैक्स-फ्री स्लैब १,००० से बढ़ाकर २,५०० रुपये किया गया है, जबकि असली सच्चाई यह है कि टैक्स दर भी १२% से बढ़ाकर १८% कर दी गई है।% जीएसटी स्लैब में आएंगे। पर वास्तविकता यह है कि टैक्स दर में ५०% की वृद्धि हुई है, जिससे मध्यम वर्ग और आम उपभोक्ताओं पर सीधा बोझ पड़ेगा।
मूलभूत आवश्यकता पर लग्जरी टैक्स!
चेंबर ऑफ टेक्सटाइल ट्रेड इंडस्ट्री (कोट्टी) के अध्यक्ष महेंद्र जैन ने कहा, “कपड़े किसी भी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता हैं। इन्हें लग्जरी आइटम मानकर टैक्स बढ़ाना बिल्कुल अनुचित है। शादी-ब्याह, त्योहार और अन्य सामाजिक अवसरों पर लोग नए कपड़े खरीदते ही हैं, ऐसे में टैक्स बढ़ने से उनकी जेब पर सीधा असर होगा।”
जैन ने बताया कि कोट्टी के प्रतिनिधियों ने हाल ही में कोलकाता दौरे पर आईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार सिर्फ इस बात का प्रचार कर रही है कि टैक्स-फ्री स्लैब १,००० से बढ़ाकर २,५०० रुपये किया गया है, जबकि असली सच्चाई यह है कि टैक्स दर भी १२% से बढ़ाकर १८% कर दी गई है।

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