कोलकाता: कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसोसिएशन ऑफ ओटोलैरिंगोलॉजिस्ट्स ऑफ इंडिया (एओआई) ने श्रवण संबंधी समस्याओं और विकलांगताओं के प्रति आम जनता को जागरूक करने का आह्वान किया।
२२ से २८ सितंबर तक मनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह २०२५ का विषय है —
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एओआई के अखिल भारतीय अध्यक्ष एवं केपीसी मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. द्वैपायन मुखर्जी ने चेतावनी दी कि हेडफ़ोन का अत्यधिक उपयोग और त्योहारों में पटाखों का तेज़ शोर सुनने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया कि बार-बार होने वाला सर्दी-जुकाम और कान में संक्रमण भी श्रवण शक्ति कमजोर कर सकता है।
एओआई पश्चिम बंगाल चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. उत्पल जना ने सलाह दी कि कान से जुड़ी किसी भी समस्या में तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से परामर्श लिया जाना चाहिए।
संगठन के सचिव डॉ. अजय खवास ने बताया कि नवजात शिशुओं में श्रवण समस्या का समय पर पता लगने से श्रवण यंत्र और कॉक्लियर इम्प्लांट जैसे उपचार प्रभावी साबित हो सकते हैं।
डॉ. स्नेहाशीष बर्मन ने सलाह दी कि हेडफ़ोन का इस्तेमाल लगातार दो घंटे से अधिक न करें और कार्य उद्देश्यों के लिए ५० डेसिबल से कम ध्वनि स्तर वाले हेडफ़ोन का ही उपयोग करें।
वहीं, डॉ. सौमेंद्रनाथ बंदोपाध्याय ने कहा कि २८ सितंबर, अंतर्राष्ट्रीय बधिर दिवस पर, एओआई यह संदेश देगा कि श्रवण यंत्र भी चश्मे की तरह सामान्य जीवन जीने का साधन हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक चिकित्सा तकनीक से कई श्रवण समस्याओं का समाधान संभव है, लेकिन समाज में श्रवण स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभी भी बेहद कम है।