नई दिल्ली: भारत ने एशिया कप के फाइनल में जगह तो बना ली है, लेकिन टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों की लगातार कैच छोड़ने की आदत टीम के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है। पाकिस्तान के खिलाफ सुपर फोर मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने कई आसान कैच छोड़े थे। इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ भी फील्डिंग बेहद निराशाजनक रही। जीत करीब होने के बावजूद भारत ने कई मौके गंवाए।
पाकिस्तान के खिलाफ सुपर फोर मैच में भारत ने कुल ४ कैच छोड़े थे। पहला कैच पारी के पहले ही ओवर में गिरा, जब हार्दिक पांड्या की गेंद पर अभिषेक शर्मा ने साहिबजादा फरहान का आसान कैच छोड़ दिया। उस समय बल्लेबाज़ ने खाता भी नहीं खोला था। पाँचवें ओवर में कुलदीप यादव की गेंद पर फरहान को दूसरा जीवनदान मिला। इसके बाद आठवें ओवर की तीसरी गेंद पर अभिषेक शर्मा ने फिर कैच टपकाया। लगातार मिले मौकों का फायदा उठाकर फरहान ने ३४ गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया।
बांग्लादेश के खिलाफ भी यही कहानी दोहराई गई। अभिषेक शर्मा, संजू सैमसन और अक्षर पटेल ने आसान कैच टपकाए। हालांकि गेंदबाज़ों के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने जीत हासिल कर ली, लेकिन यह कमजोरी किसी भी समय टीम के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकती है।
एशिया कप के मौजूदा संस्करण में भारत कैच छोड़ने में सबसे आगे है। टीम ने ५ मैचों में अब तक १२ कैच छोड़े हैं। इस सूची में हांगकांग ११ कैच के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि बांग्लादेश (८) तीसरे, श्रीलंका (६) चौथे, अफगानिस्तान (४) और ओमान (४) पाँचवें और छठे स्थान पर हैं। पाकिस्तान ने अब तक ३ और यूएई ने २ कैच छोड़े हैं।
लगातार खराब फील्डिंग प्रदर्शन ने फील्डिंग कोच टी. दिलीप पर भी दबाव बढ़ा दिया है। फाइनल से पहले भारत को शुक्रवार को श्रीलंका का सामना करना है। यह मुकाबला टीम के लिए फील्डिंग स्तर सुधारने का सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।