सिलीगुड़ी: कोलकाता के अपोलो मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ने सिलीगुड़ी में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्वी भारत का पहला बाइप्लेन कैथ लैब शुरू किया। इस सुविधा से हृदय, न्यूरो और वास्कुलर देखभाल में नई ऊँचाई हासिल होने की उम्मीद है।
बाइप्लेन कैथ लैब एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जो जटिल स्थितियों का तेज और सटीक निदान और उपचार संभव बनाती है। इसमें दो सी-आर्म हैं, जो अंगों और रक्त वाहिकाओं का थ्रीडी दृश्य प्रदान करते हैं। एक ही प्रणाली में इमेजिंग और प्रक्रियाओं के संयोजन से डॉक्टर कम आक्रामक और सुरक्षित उपचार कर सकते हैं।
अपोलो अस्पताल के मेडिकल सर्विसेज निदेशक डॉ. सुरिंदर सिंह भाटिया ने कहा, “बाइप्लेन कैथ लैब हमें जटिल मामलों को अधिक आत्मविश्वास के साथ संभालने में मदद करेगी।”
वरिष्ठ हृदय और वास्कुलर सर्जन डॉ. सुषण मुखोपाध्याय ने कहा, “यह डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए गेम चेंजर साबित होगा, जो सुरक्षित और प्रभावी उपचार सुनिश्चित करेगा।”
वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अमिताभ घोष और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देबासिस घोष ने भी कहा कि नई तकनीक पूर्वी भारत में देखभाल के स्तर को बढ़ाएगी और गंभीर रोगियों को नई उम्मीद देगी।
अपोलो अस्पताल ने इस पहल के माध्यम से उच्च-स्तरीय उपचार और स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। अपोलो अस्पताल विश्व के सबसे बड़े एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्लेटफॉर्म में से एक है, जिसमें ७१ अस्पताल, ६००० फार्मेसियां, २०० क्लिनिक और १५० टेलीमेडिसिन केंद्र शामिल हैं।