पाँच साल में बीसीसीआई की आय में १४,६२७ करोड़ रुपये की वृद्धि

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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले पाँच वर्षों में अपनी आमदनी में १४,६२७ करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की है। बीते वित्त वर्ष २०२३–२४ में ही ४,१९३ करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।
ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई के पास नकद और बैंक बैलेंस मिलाकर कुल २०,६८६ करोड़ रुपये की संपत्ति है। यह आँकड़ा राज्य क्रिकेट संघों को भुगतान किए जाने के बाद भी लगातार बढ़ रहा है।
साल २०१९ में बीसीसीआई का सामान्य कोष ३,९०६ करोड़ रुपये था, जो २०२४ में लगभग दोगुना होकर ७,९८८ करोड़ रुपये हो गया। यानी पाँच साल में ४,०८२ करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज हुई।
मानद सचिव द्वारा वार्षिक आम बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया कि २०१९ में जहाँ नकद और बैंक बैलेंस ६,०५९ करोड़ रुपये था, वहीं अब यह २०,६८६ करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मैचों की संख्या घटने के कारण मीडिया अधिकारों से होने वाली आय २०२२–२३ के २,५२४.८० करोड़ रुपये से घटकर ८१३.१४ करोड़ रुपये रह गई। हालांकि, निवेश से होने वाली आय ५३३.०५ करोड़ रुपये से बढ़कर ९८६.४५ करोड़ रुपये तक पहुँची।
आईपीएल और आईसीसी से मिलने वाले हिस्से की बदौलत बीसीसीआई ने २०२३–२४ में १,६२३.०८ करोड़ रुपये का अधिशेष कमाया, जो पिछले वर्ष (१,१६७.९९ करोड़ रुपये) से अधिक है।
इसी अवधि में बीसीसीआई ने बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए १,२०० करोड़ रुपये, प्लेटिनम जुबली बेनेवोलेंट फंड के लिए ३५० करोड़ रुपये और क्रिकेट विकास के लिए ५०० करोड़ रुपये आवंटित किए। राज्य संघों को १,९९०.१८ करोड़ रुपये दिए गए, जबकि चालू वर्ष में यह राशि २,०१३.९७ करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
यह रिपोर्ट आधिकारिक रूप से २८ सितम्बर को बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक में प्रस्तुत की जाएगी।

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