अंतरराष्ट्रीय क़ानून के शीर्ष विशेषज्ञों के समूह ने गाज़ा में जारी युद्ध को संयुक्त राष्ट्र के १९४८ के जेनोसाइड कन्वेंशन के तहत “नरसंहार” की श्रेणी में आने वाला अपराध बताया है।
‘इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ़ जेनोसाइड स्कॉलर्स’ (आईएजीएस) नामक संगठन, जिसमें दुनिया भर से ५०० सदस्य जुड़े हैं, ने सोमवार को पारित प्रस्ताव में कहा कि इज़रायल की नीतियां और कार्रवाइयाँ नरसंहार की परिभाषा को पूरा करती हैं।
संगठन की अध्यक्ष और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय क़ानून की प्रोफ़ेसर मेलानी ओ’ब्रायन ने कहा,
“ये विशेषज्ञों की स्पष्ट घोषणा है – गाज़ा में जो हो रहा है, वह नरसंहार ही है।”
इस प्रस्ताव को ८६ प्रतिशत सदस्यों का समर्थन मिला। इसमें इज़रायल से बच्चों समेत आम नागरिकों पर हमले रोकने, भूखमरी और ज़रूरी सामानों की रोकथाम खत्म करने तथा जबरन विस्थापन न करने की अपील की गई है।
नीदरलैंड्स की ‘ओपन यूनिवर्सिटी’ के प्रोफ़ेसर सेर्गेई वासिलिएव ने कहा कि यह निर्णय शैक्षिक और कानूनी हलकों में व्यापक सहमति का संकेत है।
गाज़ा सरकार के प्रवक्ता इस्माइल अल-थावबत ने कहा कि विशेषज्ञों की यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय अदालत में पेश सबूतों को और मज़बूत करेगी।
“इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह अपराध रोके, नागरिकों की सुरक्षा करे और कब्ज़ा करने वाले नेताओं पर कार्रवाई करे।”