कोलकाता: भारत सेवाश्रम संघ के संस्थापक आचार्य स्वामी प्रणवानंद सदैव युवाओं और छात्रों के नैतिक चरित्र निर्माण पर विशेष बल देते थे। सेवा कार्यों के साथ-साथ आदर्श समाज गढ़ने में उनका योगदान अद्वितीय था।
“राष्ट्र निर्माण में आचार्य स्वामी प्रणवानंद के शैक्षिक विचार” विषय पर एक विशेष शोध कार्य भारत सेवाश्रम संघ के छात्र-शोधकर्ता हिरण्मय राय ने पूर्ण किया है।
न्यू टाउन स्थित टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी के २०२५ के दीक्षांत समारोह में हिरण्मय राय को उनकी पीएचडी की उपाधि सह-कुलाधिपति डॉ. मानसी रॉयचौधरी और रेक्टर प्रो. डॉ. गौतम सेनगुप्ता ने प्रदान की।
इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ. गौतम रॉयचौधरी, भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासी स्वामी सौरवीनंद महाराज, पंडित हरिहरन, अभिनेत्री अपर्णा सेन और गूगल एजुकेशन इंडिया के प्रमुख संजय जैन सहित कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
इस शोधकार्य का निर्देशन रेक्टर प्रो. डॉ. गौतम सेनगुप्ता ने किया। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रणवानंद जैसे महान शिक्षा विचारक के आदर्शों पर हुआ यह शोध भविष्य की पीढ़ियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
भारत सेवाश्रम संघ के प्रधान सचिव स्वामी विश्वात्मानंद महाराज ने आज के छात्रों से आग्रह किया कि वे आगे आएं और इस प्रकार के और भी शोध कार्यों में हिस्सा लें।
शोधकर्ता हिरण्मय राय ने कहा कि यह अध्ययन युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करेगा और आधुनिक समाज में नैतिक पतन से छात्रों की रक्षा करने में सहायक होगा।