नवान्न अभियान के दौरान पुलिस का लाठीचार्ज, शुभेंदु ने मांगा ममता बनर्जी से त्यागपत्र

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काेलकाता: बंगाल की राजधानी काेलकाता में शनिवार को नवान्न (सचिवालय) अभियान के दौरान मचे हंगामे में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की यौन उत्पीड़न पीड़िता की मां घायल हो गईं। उनका आरोप है कि महिला पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया, जिससे उनके सिर पर चोट लगी और हाथ की शंखा (चूड़ी) टूट गई।
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता के माता-पिता ने स्वयं इस अभियान का आह्वान किया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी समर्थन दिया था। शनिवार दोपहर लगभग १२ बजे धर्मतला से नवान्न की ओर रैली शुरू हुई। पीड़िता के मां-बाप भी इस जुलूस में शामिल थे। रैली जब पार्क स्ट्रीट मोड़ पर पहुंची, तो पुलिस ने उसे रोक दिया। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
पीड़िता की मां का दावा है कि इस झड़प में महिला पुलिसकर्मियों की लाठी उनके सिर पर लगी, जिससे माथा सूज गया और उनके हाथ की शंखा टूट गई। झड़प के बाद भी पीड़िता के माता-पिता करीब ३० समर्थकों के साथ रेसकोर्स होते हुए विद्यासागर सेतु की ओर बढ़ने लगे। इस समूह में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के करीबी कौस्तव बागची और प्रीतम दत्ता भी मौजूद थे। भाजपा ने ‘नबन्ना अभिजन’ रैली निकाल बंगाल की ममता सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सीएम ममता बनर्जी पर घटना में संलिप्त लोगों को बचाने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन में शामिल भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि घटना के एक साल पूरे हो गए हैं लेकिन ‘अभया’ को अभी भी इसांफ नहीं मिला है। ममता बनर्जी को इस्तीफा देना चाहिए।
ममता इस्तीफा दें: शुभेंदु अधिकारी
भाजपा प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोलकाता पुलिस ने शहर भर में जगह-जगह बैरिकेडिंग की थी। कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। इस दौरान अधिकारी ने कहा कि ‘कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष को ममता बनर्जी बचा रही हैं। उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए। अगर वह त्यागपत्र नहीं देती हैं तो आठ महीने बाद बंगाल की जनता उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकेगी।’
पश्चिम बंगाल की राजधानी काेलकाता में शनिवार को नवान्न (सचिवालय) अभियान के दौरान मचे हंगामे में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की यौन उत्पीड़न पीड़िता की मां घायल हो गईं। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। ‘नबान्न’ चलो अभियान’ के तहत प्रदर्शनकारियों ने मृत चिकित्सक के लिए न्याय की मांग की और पुलिस अवरोधक के बावजूद राज्य सचिवालय तक पहुंचने का अपना संकल्प व्यक्त किया। एक प्रदर्शनकारी को यह कहते सुना गया, ”पुलिस हम पर गोली चला सकती है, लेकिन हम ‘नबान्न’ पहुंचने के लिए दृढ़ हैं, जहां राज्य सरकार को जवाब देना होगा कि एक साल बाद भी ‘अभया (आर जी कर कांड में जान गंवाने वाली चिकित्सक के लिए प्रतीकात्मक नाम)को न्याय क्यों नहीं मिला।”
पुलिस प्रदर्शनकारियों को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाउडस्पीकर के जरिए लगातार सूचित कर रही थी लेकिन प्रदर्शनकारी १० फुट ऊंचे अवरोधक पार करने की कोशिश करते दिखे।
कुछ प्रदर्शनकारियों को अवरोधकों को तोड़ने और उसे पार करने के लिए भारी औजारों का इस्तेमाल करते भी देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे के अलावा महिला चिकित्सक के लिए न्याय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग वाले पोस्टर और बैनर लिये हुए थे।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल, त्वरित प्रतिक्रिया बल के जवान और यहां तक कि वाटर कैनन तैनात किए गए। मृत डॉक्टर के माता-पिता ने लोगों से ‘नबान्न’ तक मार्च में शामिल होने की अपील की जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से बिना किसी पार्टी के झंडे के जुलूस में शामिल होने की अपील की। इस बीच, अधिकारी भाजपा के कुछ विधायकों के साथ कोलकाता के मध्य इलाके ‘एस्प्लेनेड स्थित डोरीना क्रॉसिंग’ पहुंचे और वहां चिकित्सक के माता-पिता के साथ शामिल हुए।
इस दौरान भाजपा के बैनर, झंडे या पार्टी के किसी अन्य चिह्न का इस्तेमाल नहीं किया गया। अधिकारी ने कहा, ”ममता बनर्जी प्रशासन विरोध प्रदर्शन में उमड़ी इस भारी भीड़ से डर रहा है।” हावड़ा और कोलकाता दोनों जगहों पर सभा स्थलों लगातार भीड़ बढ़ रही है लेकिन पुलिस प्रदर्शनकारियों को पश्चिम बंगाल सचिवालय के पास तक पहुंचने नहीं दे रही है। मृत चिकित्सक के पिता ने आरोप लगाया, ”उच्च न्यायालय द्वारा शांतिपूर्ण विरोध रैली निकालने की अनुमति दिए जाने के बावजूद पुलिस हमारे साथ सहयोग नहीं कर रही है।” उन्होंने कहा, ”पुलिस ने रास्ते में कई जगहों पर लोगों के वाहनों को रोककर उन्हें सभा स्थल तक पहुंचने से रोकने की कोशिश की। ”पार्क स्ट्रीट क्रॉसिंग पर प्रदर्शनकारी राज्य सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे और पुलिस की चेतावनी के बावजूद रानी रासमोनी रोड से आगे विद्यासागर सेतु की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। अग्निमित्रा पॉल सहित अन्य प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस बैरिकेड्स लगाये थे।
प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स हटाने की काेशिश की और इस दौरान उनकी झड़प पुलिस से हो गयी। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें दौड़ा दौड़ा कर पीटा।
विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी, बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल और अन्य बीजेपी विधायकों ने पार्क स्ट्रीट-जे एल नेहरू रोड क्रॉसिंग पर धरना दिया। अधिकारी का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई में १०० से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें भाजपा नेता और आरजी कर केस की पीड़िता के माता-पिता भी शामिल हैं।
इससे पूर्व अग्निमित्र पॉल ने कहा कि ममता बनर्जी डरी हुई हैं। एक साल हो गया है और अभी तक न्याय नहीं मिला है, कहा कि यह रैली ममता बनर्जी के खिलाफ है। उन्होंने सारे सबूत मिटा दिये हैं. अग्निमित्र पॉल ने ममता से इस्तीफा मांगा।
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी विनीत कुमार गोयल (कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त) और डॉ. संदीप घोष (आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल) को बचा रही हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, अन्यथा, लोग 8 महीने बाद उनका सफाया कर देंगे।


नवान्न अभियान रैली में शामिल भाजपा नेता अशोक डिंडा ने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब हम पुलिस को पीटेंगे। उनकी खूब पिटाई होगी, कहा क एक बार भाजपा ऊपर से निर्देश दे दे, तो हम पुलिस को इतना पीटेंगे कि उन्हें ममता बनर्जी के पीछे छिपना पड़ेगा।

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