राज्य में सेना के १५४० एकड़ जमीन पर अतिक्रमण

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सेना की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अहम खुलासा किया गया है। इस संबंध में राज्यसभा के सांसद शमिक भट्टाचार्य द्वारा सवाल पूछा गया था। उन्होंने सेना की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर सवाल पूछे थे। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ ने बताया कि पश्चिम बंगाल में सेना की कुल ४३४९३ एकड़ जमीन में से १५४०.८५ एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। कुल अतिक्रमण की गयी जमीन में से २.३७१६ एकड़ जमीन बैरकपुर में है जबकि जलपहाड़ और लेबोंग कैंटोनमेंट में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि चिह्नितकरण, रोकथाम और अतिक्रमण हटाना निरंतर प्रक्रिया है। सेना की जमीनों को अतिक्रमण से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई कदम उठाये जाते हैं।
सेना की जमीनों का रोजाना संबंधित कार्यालयों के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है और नियमों के तहत वार्षिक सर्टिफिकेट भी जमा करने काे कहा जाता है। अतिक्रमण का पता चलने पर, अतिक्रमण रोधी अभियान द्वारा कानूनों का पालन करते हुए व स्थानीय पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाया जाता है। सेना की जमीनों का रिकॉर्ड डिजीटलीकरण किया गया है। वर्ष २०११-१२ से डिफेंस लैंड ऑडिट चालू किया गया है। सेना की भूमि पर अतिक्रमण के ‘खतरे’ का मूल्यांकन करने के लिए एक पद्धति तैयार की गई है। खतरे के मूल्य के आधार पर, संबंधित अधिकारियों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की सूचना क्षेत्रीय कार्यालयों को दे दी गई है। आम जनता द्वारा रक्षा भूमि पर अतिक्रमण की सूचना देने के लिए २०२० में डीजीडीई वेबसाइट पर एक अतिक्रमण मॉड्यूल सक्षम किया गया है। सरकार ने कुछ संवेदनशील रक्षा भूमि क्षेत्रों के चारों ओर चारदीवारी/बाड़/स्तंभों के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की है।

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