नेपाल के मदरसा मस्जिदों में छिपे पाकिस्तानी नागरिकों का नहीं हो रहा है जांच

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काठमांडू: पहलगाम घटना के बाद एक तरफ जहां उतर प्रदेश सरकार द्वारा भारत के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में संचालित मस्जिद मदरसा को ध्वंस्त किया जा रहा है वहीं दुसरी तरफ बिहार सरकार और नेपाल सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में संचालित मस्जिद मदरसा को ध्वस्त करना तो दूर बल्कि जांच तक नहीं किया गया।केवल भारत सरकार द्वारा भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटा में देश छोड़ने का अल्टिमेटम दिया गया। जिसको लेकर नेपाल सहित कई देशों ने भारत का समर्थन भी किया भी किया।
तरफ भारत का अभिन्न मित्र के रुप में प्रख्यात नेपाल के परसा, बारा, रौतहट, सर्लाही, सप्तरी, मोरंड, महोतरी, जनकपुर, नवलपरासी जिला सहित सीमावर्ती क्षेत्र मधेश प्रदेश और पहाड़ी क्षेत्रों में वैध और अवैध रुप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाकर भारत नेपाल मैत्री संबंध को बेमानी साबित कर दिया है। खुफिया रिपोर्ट की मानें तो नेपाल में टूरिस्ट वीजा पर आने वाले पाकिस्तानी नागरिक नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के मदरसा और मस्जिदों में शरणागत होकर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की सूचना मिली है। कई मदरसा मस्जिद भारतीय सीमा से बिल्कुल सटा हुआ है।यानी घर नेपाल में और उसका आंगन भारत में है।इस तरह के सीमांकन के कारण इन पामिस्तानी नागरिकों द्वारा रात के अंधेरे में कभी भी भारतीय सीमा में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से प्रवेश कर सकते है
कितने पाकिस्तानी मदरसा मस्जिद में रह रहे है:
एक हजार पाकिस्तानी टूरिस्ट है जो इन मदरसों में रह रहे है। जबकि अवैध रूप से या डंकी रुप से नेपाल आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या ३००० हजार है जिसमें से अधिकांश नेपाली महिला से शादी कर अपना घर बसा चूके हैं।शेष अपने रिश्तेदारों के यहां रहते है।
नेपाल मुस्लिम आयोग, इस्लामिक संघ नेपाल इनका संरक्षक हैं। जिनमें से कुछ की गतिवधियां संदिग्ध बतायी जा रही है। लेकिन नेपाल सरकार द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई तो दूर की बात है बल्कि इस घटना के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के मस्जिद और मदरसों कि सर्वे या जांच तक नहीं कराई गयी की इन मदरसों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा नेपाल के युवाओं को आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जा रहा है या आतंकी संगठनों से इनका संबंध है या नहीं। जबकि पहलगाम हमले में मरने वालों में नेपाली नागरिक भी शामिल है। अन एराइवल विजा की सुविधा पाकिस्तानी नागरिकों को मिलने के कारण नेपाल में आते हैं वहां से दूबई,कतर, सहित ३५ गल्फ देशों का भ्रमण करके नेपाल आकर फिर तीन माह का विजा ले लेते हैं। जिस कारण नेपाल में तीन महिना, छह माह या एक वर्ष तक रह जाते हैं पाकिस्तानी टूरिस्ट।इस दौरान नेपाल में कई अवैध गतिविधियों में भी संलिप्त हो जाते हैं।
नेपाल भारत में कितने मस्जिद मदरसा हैं:
नेपाल मुस्लिम आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल में चार हजार मदरसा और चार हजार मस्जिद है।जबकि भारतीय खुफिया विभाग की माने तो इनकी संख्या इससे अधिक है।
विगत वर्ष पूर्व २०२३ में खुफिया एजेंसियों द्वारा केवल पश्चिमी चम्पारण के बगहा से लेकर पूर्वी चम्पारण के हरपुर थाना क्षेत्र तक किए गए सर्वे के दौरान
भारत के तरफ मस्जिदों की संख्या २४० मदरसा की संख्या ८६ ईदगाह की संख्या 8,कब्रिस्तान की संख्या २६ है। मस्जिद मदरसा की संख्या ३८ है। भारत तरफ निर्माणाधीन मस्जिद मदरसा की संख्या १८ है।
जबकि नेपाल के तरफ मस्जिद १८५,मदरसा की संख्या ४८, मस्जिद व मदरसा की संख्या ४९ है। नेपाल तरफ २३ है।नेपाल में ईदगाह की संख्या १६ है। कब्रिस्तान की संख्या बढ़कर १८ हाे गयी है। जबकि दो वर्ष पूर्व ये संख्या आधा था।
क्या कहते है अधिकारी:
परसा जिला के डीएसपी किशोर लम्साल ने बताया कि पर्सा जिला में पाकिस्तानी नागरिकों का सर्वे या जांच नहीं किया जा रहा है।इसतरह का कोई निर्देश नहीं आया है।
क्या कहते हैं हिन्दू नेता:
विश्व हिन्दू परिषद नेपाल के महासचिव जितेन्द्र सिंह ने कहा कि नेपाल आतंकवाद का विरोध और भारत का समर्थन कर भारत नेपाल मेत्री संबंध को बरकरार रखने का सराहनीय प्रयास किया है। लेकिन भारत के इस संकट के दौर में नेपाल सरकार को नेपाल में रहे पाकिस्तानी नागरिकों का सर्वे कर जांच करना चाहिए और अवैध पाकिस्तानी नागरिकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि भारत में अवैध रूप से प्रवेश नहीं कर सके।
क्या कहते हैं मुख्यमंत्री:
नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री शतीश कुमार सिंह ने कहा कि मधेश प्रदेश में आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा मस्जिद मदरसा में छिप कर रहने और भारत के खिलाफ गतिविधि चलाने या भारत में अवैध घुसपैठ की सूचना मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।मधेश की भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।

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