कोलकाता: मानसून नार्थ बंगाल में आ चुका है वहीं दक्षिण बंगाल में १० जून तक आने की संभावना है। एक तरफ बारिश का पानी तो दूसरी तरफ बांधों से पानी छोड़े जाने से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। भारी बारिश से रास्तों का काफी नुकसान पहुंचता है। छोटे छोटे पुल पर भी समस्याएं देखी जाती है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इस साल भी मॉनसून को लेकर अपनी तैयारियां की है। राज्य स्तर पर कई तरह की टीमें तैयार की गई है जो कि मानसून के समय किसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैनात रहेगी। अगर कहीं सड़क अचानक टूट जाती है या फिर पुलियों पर दरारें आ जाती है तो इससे निपटने के लिए ये टीम तुरंत मौके पर पहुंच जाएगी। पीडब्ल्यूडी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सन्मार्ग को बताया कि हर साल की तरह ही इस साल भी मानसून से पहले हमलोगों ने अपनी तैयारियां की है। इस साल भी मानसून को ध्यान में रखकर क्यूआरटी ( क्विक रिस्पोंस टीम) सब डिवीजन स्तर पर तैयार है। जहां भी इस टीम की आवश्यकता होगी वहां भेजी जायेगी।
अक्टूबर तक टीम अलर्ट मोड़ में:
पीडब्ल्यूडी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह टीम पूरे मॉनसून यहां तक कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक अलर्ट मोड में रहती है। इस बार भी ३१ अक्टूबर तक यह टीमें अलर्ट रहेंगी। उन्होंने बताया सब डिविजन स्तर पर यह टीमें रहेगी। डायमंड हार्बर, फलता, सागर इनके के लिए अलग – अलग टीमें तैयार है। वहीं नार्थ बंगाल के जिलों के अलावा उत्तर २४ परगना, मिदनापुर इन सभी जगहों पर ज्यादा फोकस किया जाता है। मानसून में आंधी तूफान, तेज बारिश से काफी नुकसान भी हो जाता है। एक अधिकारी के मुताबिक पहले ही सड़कों की मरम्मत कर ली गयी है ताकि यातायात सुचारू रहे।