काठमान्डू: भारतीय दूतावास द्वारा ‘हिन्दी साहित्य उत्सव’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रथम सचिव वशिष्ट वशिष्ठ नन्दन ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नेपाली साहित्य कला जगत के जाने माने व्यक्तित्व प्रकाश सायमी जी की गरिमामय उपस्थिति थी। विशिष्ट अतिथि के रुप में हिन्दी केन्द्रीय विभाग की विभागाध्यक्ष डा.श्वेता दीप्ति की उपस्थिति थी।
मई महीना हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध विद्वान आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, छायावाद के प्रतिनिधि कवि सुमित्रानन्दन पंत और गजल एवं गीत की दुनिया के बेताज बादशाह कैफी आजमी के जन्म का महीना भी है। आज का आयोजन इन प्रमुख हस्तियों के नाम था। इन विद्वानों के ऊपर महत्त्वपूर्ण चर्चा की गई। वक्ता के रूप में उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इम्तियाज वफा, चांदबाग स्कूल एवं रेडियो नेपाल द्वारा संचालित हिन्दी कार्यक्रम मधुरिमा के प्रस्तोता मुकेश झा, केन्द्रीय स्कूल के शिक्षक आनन्द कुमार त्रिपाठी की उपस्थिति थी । जिन्होंने कैफी आजमी, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं सुमित्रानन्दन पंत के साहित्यिक व्यक्तित्व पर अपने विचारों को प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि प्रकाश सायमी ने कई स्मरणों के द्वारा कैफी आजमी तथा सुमित्रानन्दन पंत के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डा. श्वेता दीप्ति ने कहा कि, “आचार्य महावीर प्रसाद द्विेदी महज एक साहित्यकार ही नहीं थे बल्कि राजनीति के ज्ञाता, भाषाविद्, ज्योतिशास्त्र के भी विद्वान थे। सुमित्रानन्दन पंत ने छायावाद से लेकर प्रगतिवाद, प्रयाेगवाद, यथार्थवाद की यात्रा की।
साहित्य और साहित्यकार को किसी एक परिधि में बांधा नहीं जा सकता है।”
कार्यक्रम में भारतीय दूतावास द्वारा हिन्दी केन्द्रीय विभाग त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमान्डू, को हिन्दी साहित्य कै सौ से अधिक पुस्तकों को विभागीय प्रमुख डा. श्वेता दीप्ति को हस्तांतरित किया गया। कार्यक्रम में डीएवी, चाँद बाग, रुपीज इंटरनेशनल, माडर्न इंडियन तथा राय स्कूल के छात्रों ने काव्य पाठ किया। अक्षरा कुमारी चाँद वाग स्कूल, सियाना रायमाझि केंद्रीय विद्यालय,
सुमणिमा राय, राय स्कूल, सायन सिंह केंद्रीय विद्यालय कुमारी अनन्या, रुपिज इंटरनेशनल स्कूल मान्या गोयनका, रुपिज इंटरनेशनल स्कूल ने सम्बंधित साहित्यकार पर कविता की प्रस्तुति की जिसका संचालन शुभधानुका ने किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन पीआइसी विंग के डा.धनेश द्विवेदी जी ने किया। कार्यक्रम की सहयोगी संस्था हिमालिनी हिन्दी मासिक पत्रिका के प्रबंध निदेशक सचिच्दानंद मिश्र के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।