शिलांग: राज्य सरकार ने कहा है कि २४ तौल पुल के स्थलीय निरीक्षण के दौरान कोई भी ओवरलोड ट्रक नहीं पाया गया।
निरीक्षण रिपोर्ट ८ मई को मेघालय उच्च न्यायालय में दाखिल की गई थी, लेकिन आज की सुनवाई में याचिकाकर्ता टेनिडार्ड एम. मारक के वकील डॉ. पी. अग्रवाल ने इसे विवादास्पद बना दिया था।
मुख्य न्यायाधीश इंद्र प्रसन्ना मुखर्जी और न्यायमूर्ति वनलुरा डिएंगदोह की खंडपीठ ने कहा कि वकील को ६ जून २०२५ तक जवाब दाखिल करने की अनुमति दी गई है।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आयुक्त की उपस्थिति में राज्य भर में २८ तौल पुलाे का “गुप्त” स्थलीय निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।
जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि ओवरलोड माल ले जाने वाले वाहनों को बिना उचित वजन किए गुजरने दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य को राजस्व, शुल्क और फीस का नुकसान हो रहा है।