कोलकाता: बंधन बैंक ने वित्त वर्ष २०२४-२५ की चौथी तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा कर दी है। इस अवधि के दौरान बैंक का कुल कारोबार ११% बढ़कर २.८८ लाख करोड़ रुपये हो गया। बैंकों में कुल जमा में खुदरा विक्रेताओं की हिस्सेदारी वर्तमान में लगभग ६९% है। पिछली तिमाही में वृद्धि बैंक के विस्तारित वितरण नेटवर्क, बेहतर परिचालन दक्षता और अनुकूल कारोबारी माहौल के कारण हुई। वित्तीय वर्ष २०२४-२५ के लिए बैंक का शुद्ध लाभ ₹२,७४५ करोड़ है।
बैंक वर्तमान में भारत के ३६ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से ३५ में ६,३०० से अधिक बैंकिंग आउटलेट्स के माध्यम से ३.१५ करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है। बंधन बैंक में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या लगभग ७५,००० है।
बैंक ने वित्त वर्ष २०२५ की चौथी तिमाही में अपनी जमाराशि में १२% वार्षिक वृद्धि दर्ज की।
बैंक की जमाराशि बढ़कर ₹१.५१ लाख करोड़ हो गई है। इसी अवधि के दौरान कुल अग्रिम राशि ₹१.३७ लाख करोड़ तक पहुंच गई। चालू खाता से बचत खाता (सीएएसए) अनुपात कुल जमा का ३१.४% रहा, जो एक अच्छा संकेत है। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर), जो वित्तीय स्थिरता का एक प्रमुख संकेतक है, १८.७% है, जो नियामक मानक से काफी ऊपर है।
बैंक के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए बंधन बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थ प्रतिमा सेनगुप्ता ने कहा, “बंधन बैंक का प्रदर्शन हमारी संतुलित रणनीति, मजबूत प्रशासन और ग्राहकों के विश्वास का परिणाम है।” “‘बंधन बैंक २.०’ की ओर बढ़ते हुए, हमारा ध्यान डिजिटलीकरण, वितरण विस्तार, परिसंपत्ति विविधीकरण और दीर्घकालिक मूल्य और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए ग्राहक अनुभव को और बेहतर बनाने पर है।”
बैंक ने अपनी परिसंपत्ति संरचना में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित किया है तथा अपने खुदरा पोर्टफोलियो को बढ़ाने पर रणनीतिक जोर दिया है। दक्षता बढ़ाने, उत्पादकता में सुधार लाने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डिजिटलीकरण प्रक्रिया में तेजी लाना बैंक की प्राथमिकता है।