नयाँ दिल्ली: सेंट पीटर्स बेसिलिका के अंदर लकड़ी के एक साधारण ताबूत में रखे पोप फ्रांसिस के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने अपेक्षा से अधिक लोगों के आने के कारण वेटिकन ने पूरी रात बेसिलिका के दरवाजे खुले रखे। वेटिकन द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार बुधवार को साढ़े ८ घंटों के दौरान २० हजार से अधिक लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
मेक्सिको से आये कैथोलिक एमिलियानो फर्नांडीज आधी रात के आसपास लाइन में खड़े होकर इंतजार कर रहे थे, और दो घंटे बाद भी वह बेसिलिका नहीं पहुंच पाए थे। फर्नांडीज ने कहा, ‘मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि मैं यहां कितना समय इंतजार करूंगा। यह सिर्फ यह दिखाने का अवसर है कि मैं फ्रांसिस्को को कितना पसंद करता हूं।
मुझे लगता है कि उनके प्रति मेरे मन में जो सम्मान है, उसकी वजह से मैं इंतजार कर रहा हूं।’ अपने तीन बच्चों के साथ बेसिलिका से बाहर निकलते समय रोसा स्कोर्पती नामक महिला ने कहा, ‘हम आए क्योंकि जब वह जीवित थे तो हम उन्हें (बच्चों को) साथ नहीं ला पाए थे, इसलिए हमने सोचा कि हम उन्हें अंतिम विदाई के लिए साथ लाएंगे।’ फ्रांसिस का सोमवार को ८८ वर्ष की आयु में निधन हो गया था।