हम करो या मरो की स्थिति में हैं

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काठमांडू: हड़ताली शिक्षकों ने कहा है कि सरकार १२वीं कक्षा की परीक्षा की तिथि स्थगित करने के लिए मजबूर हुई है।
नेपाल शिक्षक संघ सोलुखुम्बु जिला अध्यक्ष मदन राई ने कहा कि सरकार डर के कारण १२वीं कक्षा की परीक्षा स्थगित करने के लिए मजबूर हुई है।
उन्होंने कहा, “शिक्षकों के डर के कारण सरकार को १२वीं कक्षा की परीक्षा स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ा है। अब शिक्षकों की मांगें पूरी होनी चाहिए।”
उनका कहना है कि अगर सरकार शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं करती है तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “यह हमारा आखिरी आंदोलन है। इसके बाद कोई आंदोलन नहीं होगा। हम करो या मरो की स्थिति में हैं।” “अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम इस्तीफा देने को तैयार हैं।”
मंगलवार को हुई राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की बैठक में निर्धारित तिथि पर ही १२वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करने पर अड़ा था, लेकिन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निर्देश पर इसे २१ अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
महासंघ के अध्यक्ष लक्ष्मी किशोर सुबेदी ने कहा कि आंदोलन आज अपने चरम पर पहुंच जाएगा। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री बिद्या भट्टाराई के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री ओली को ही स्कूल शिक्षा अधिनियम जारी करना चाहिए।

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