नई देहली: न्यूज़ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राणा को अजमल कसाब (अजमल कसाब) की तरह फांसी की सजा का डर सता रहा है। करीब १६ साल अमेरिका की जेल में रहने के बाद अब राणा भारतीय कानून और न्यायिक प्रक्रिया को लेकर जानकारी जुटा रहा है।
एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की हिरासत में वह लगातार अधिकारियों से पूछ रहा है कि उसके खिलाफ कौन-कौन सी धाराएं लगी हैं और आगे की कानूनी प्रक्रिया कैसी होगी। सूत्रों ने बताया कि कोर्ट के आदेश से नियुक्त दो सरकारी वकीलों ने राणा से आधिकारिक मुलाकात की, जिसमें उसे सभी आरोपों की जानकारी दी गई. राणा हर एक आरोप और कानूनी धाराओं के बारे में विस्तार से पूछताछ कर रहा है। वह जानना चाहता है कि ट्रायल कब शुरू होगा और कितने समय तक चलेगा।
एनआइए लगातार कर रही पूछताछ:
जांच एजेंसी एनआइए अभी राणा से शुरुआती चरण की पूछताछ कर रही है। सुरक्षा कारणों से फिलहाल उसे दिल्ली के बाहर ले जाने की कोई योजना नहीं है। एजेंसी राणा को नियमों के तहत खाना देती है और पांच वक्त की नमाज पढ़ने की इजाजत भी दी गई है।
बड़े आतंकी नेटवर्क की जानकारी जुटा रहीं एजेंसियां
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने बताया है कि जांच एजेंसियां तहव्वुर राणा को कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर ले जा सकती हैं। इसका मकसद १७ साल पुराने घटनाक्रमों को समझना और साक्ष्यों की कड़ियां जोड़ना है। बताया गया है कि एजेंसियां अपराध स्थल का नाट्य रूपांतरण (क्राइम स्कीन रेक्रिएशन) कर राणा से बड़े आतंकी नेटवर्क के बारे में गहरी जानकारी हासिल करना चाहती हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने किया बड़ा दावा:
बीते दिन दिल्ली की एक अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने दिल्ली को एक संभावित आतंकी हमले का निशाना बनाया था। अदालत ने यह भी कहा कि यह साजिश भारत की सीमाओं से परे तक फैली हुई थी।
पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा राणा:
जांच एजेंसियों को तहव्वुर राणा से शुरुआती दौर की पूछताछ में कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूछताछ के दौरान अधिकारी राणा से उसके परिवार, दोस्तों और संपर्कों के बारे में जानना चाहते थे लेकिन वह टालमटोल कर रहा है। एजेंसियों का मानना है कि राणा जानबूझकर सहयोग नहीं कर रहा और पूरी प्रक्रिया को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है।
राणा जांच एजेंसियों के लिए अहम कड़ी:
भारत की जांच एजेंसियों के लिए राणा एक बेहद अहम कड़ी है, क्योंकि माना जाता है कि वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और आइएसआइ के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश में शामिल था।
तहव्वुर राणा पर क्या हैं आरोप?
२६ नवंबर २००८ को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में १० आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस जैसे कई स्थानों को निशाना बनाया था। इस हमले ने पूरे देश क हिला कर रख दिया था। तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर हमले की योजना बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।