अधिकार ठीक है, लेकिन कानून हाथ में लेने का नहीं: मुख्यमंत्री

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कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में विभिन्न स्थानों पर वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर सोमवार को कहा कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। ममता ने कालीघाट में काली मंदिर के पास एक ‘स्काईवॉक’ का उद्घाटन करते हुए लोगों से धर्म के नाम पर गैर-धार्मिक गतिविधियों में शामिल न होने का भी आग्रह किया। ममता ने कहा, हर किसी को अनुमति के साथ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। मैं लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे कानून को अपने हाथ में न लें। उन्होंने लोगों से किसी के भी उकसावे में न आने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “कृपया धर्म के नाम पर गैर-धार्मिक गतिविधियों में शामिल न हों।” तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा कि विभिन्न धर्मों के कार्यक्रम में भाग लेने के कारण कुछ लोग न सिर्फ उनकी आलोचना करते हैं, बल्कि उनका उपनाम भी बदल देते हैं। मुर्शिदाबाद के धुलियान इलाके में संशोधित वक्फ अधिनियम के विरोध में शुक्रवार को भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। विपक्षी इंडियन सेक्युलर फ्रंट के समर्थकों की सोमवार को दक्षिण २४ परगना जिले के भांगर में पुलिस के साथ झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई। ममता ने कहा, “शांति से रहें। बंगाल की जमीन शांति का प्रतीक है। इसकी मिट्टी सोने की तरह शुद्ध है।” ममता ने ‘स्काईवॉक’ का उद्घाटन करने के बाद प्रसिद्ध मंदिर तक पहुंचने के लिए इसका उपयोग किया। ममता के साथ महापौर फिरहाद हकीम, खेल मंत्री अरूप बिस्वास और अन्य लोग भी मौजूद थे। उन्होंने रेहड़ी-पटरी के लिए जगह और मंदिर के पुनर्निर्मित हिस्से का भी अनावरण किया। काली मंदिर ५१ शक्ति पीठों में से एक है। ‘स्काईवॉक’ ४३५ मीटर लंबा और १०.५मीटर चौड़ा है तथा तीन सड़कों से इस तक पहुंचा जा सकता है।

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