जलपाईगुड़ी: चाय बागानों की ३० प्रतिशत भूमि को अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किये जाने के खिलाफ टी वर्कर्स यूनियन की ओर से लगातार गेट मीटिंग और सभाएं आयोजित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने चाय बागानों की ३० प्रतिशत भूमि को पर्यटन और अन्य उद्देश्यों के दिए जाने को लेकर नोटिफिकेशन दिया है।
राज्य में जारी सरकारी परिपत्र को वापस लेने तथा घोषित न्यूनतम मजदूरी का तत्काल भुगतान करने की मांग को लेकर तराई के हासखोवा चाय बागानों में सतत आंदोलन शुरू हो गया है।
बुधवार से चाय बागान श्रमिकों द्वारा गेट मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है।
चाय बागान मजदूरों का विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा।

टी वर्कर्स यूनियन केंद्रीय समिति के नेता सरवन चिक बड़ाइक ने कहा कि संबंधित मांगों को पहले ही चाय बागान मालिकों के संगठन डीबीआईटीए के साथ-साथ टिपाई, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और अलीपुरद्वार के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ-साथ श्रम आयुक्त कार्यालय को एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है।