धुलिया उत्सव का हुआ समापन

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चार दिनों तक चले उत्सव के दौरान राजबंशी लोक संस्कृति से जुड़े विभिन्न कार्यकर्मों का हुआ आयोजन  

जलपाईगुड़ी: जलपाईगुड़ी जिले के क्रांति ब्लॉक के हरिसभा गांव स्थित श्री श्री राधा गोविंदा जीउदेव विग्रह ट्रस्ट पिछले पांच वर्षों से होली पूर्णिमा के दिन से चार दिनों तक राजबंशी कला व संस्कृति से जुड़े रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम व मूल वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी का आयोजन करता आ रहा है। यह धुलिया उत्सव के नाम से जाना जाता है। समय के साथ लुप्त हो रहे  राजबंशी कला और संस्कृति को  बचाने के लिए इसका आयोजना किया जाता है।
रविवार को धूलिया महोत्सव के समापन समारोह में उत्तर बंगाल के प्रसिद्ध भवैया कलाकारों की उपस्थिति में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस आयोजन के बारे में उद्यमियों की ओर से प्रमुख भवैया गीतकार कामेश्वर रॉय ने कहा, “पिछले पांच वर्षों से हम सभी के सहयोग से अपने उत्तर बंगाल के इस प्राचीन पारंपरिक धुलिया उत्सव का आयोजन करते आ रहे हैं। इसका एक कारण राजबंगशी समाज की रचनाओं, संस्कृति और लोकगीतों को नई पीढ़ी के सामने लोकप्रिय बनाना है।” 
जिस तरह जलपाईगुड़ी, काेचबिहार और लायंस आई हॉस्पिटल के डॉक्टर महोत्सव स्थल पर दंत, नेत्र और स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं और दवाइयां दे रहे हैं, उसी तरह भारतीय डाकघर के क्रांति कार्यालय के कर्मचारियों ने महोत्सव स्थल के बगल में बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाया है। इस संबंध में बीपीएम राजकुमार सिंह ने कहा, “उनके अनुरोध पर हम इस महोत्सव स्थल पर बच्चों के आधार कार्ड पूरी तरह से मुफ्त बनाने आए हैं। इसके साथ ही हम ग्रामीणों को भारतीय डाकघर की विभिन्न बचत योजनाओं से भी परिचित कराने का प्रयास कर रहे हैं।”.


स्थानीय निवासियों और राधा गोविंदा जीवदेव विग्रह ट्रस्ट के तहत लोक संस्कृ ति मंच के संपादक देबलाल सिंह ने कहा, “जिस तरह हम इस चार दिवसीय कार्यक्रम में लुप्त हो रहे राजबंगशी समाज के विभिन्न गीतों जैसे बिषहरी, पलाटिया आदि को प्रदर्शित कर रहे हैं, उसी तरह हम राजबंगशी समाज की लुप्त हो रही रचनाओं और संस्कृति को भी गांव की नई पीढ़ी के ध्यान में लाने का प्रयास कर रहे हैं।”

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