काठमांडू: सहकारी प्रकरण में १० महीने तक जेल में रहने के बाद रिहा हुए रास्वपा के अध्यक्ष रवि लामिछाने ने रविवार को पार्टी कार्यालय में प्रवेश करते समय पूर्व सरकार पर आक्रामक टिप्पणी की। तीन करोड़ ७४ लाख ८४ हजार रुपये की जमानत जमा कर शुक्रवार को रिहा होने के तुरंत बाद लामिछाने ने अपने ऊपर हुए अन्याय का हिसाब लेने की बात कही थी।
पूर्व सरकार द्वारा ‘प्रतिशोधपूर्ण मुकदमा चलाया’ जाने का आरोप लगाते हुए लामिछाने ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर प्रतिनिधिसभा पुनर्स्थापन के पक्ष में हस्ताक्षर कर रहे नेपाली कांग्रेस और नेकपा एमाले को चुनावी मैदान में आने की चुनौती दी। उन्होंने किसी दल या राजनीतिक शक्ति का नाम लिए बिना कहा कि “भागी हुई कुछ शक्तियां खुद छोटे-छोटे घटनाक्रम कर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।”
हाल ही में पार्टी नेतृत्व में पुनः निर्वाचित एमाले अध्यक्ष केपी ओली की ओर संकेत करते हुए लामिछाने ने कहा, “चुनाव का माहौल बिगाड़ना नहीं चाहिए। यदि पार्टी चुनाव जीत चुकी है, तो आम चुनाव भी जीत लिया गया।”
भदौ के आन्दोलन में जनता की मांग पूरी करने, चुनाव कराने और भ्रष्टाचार रोकने के वादे के साथ लामिछाने ने पुराने राजनीतिक शक्तियों को लक्ष्य बनाते हुए अपने हिसाब का इशारा किया। रिहाई के दिन रुपन्देही में उन्होंने कहा, “इन लोगों ने इस देश पर जो अन्याय किया उसका हिसाब करना पड़ेगा। मुझ पर किए गए अन्याय की बात कुछ भी नहीं, उसका पूरा हिसाब लेना है। हिसाब अभी बाकी है।”
चितवन के भरतपुर अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचे लामिछाने ने कहा कि किसी भी दल के प्रति प्रतिशोध नहीं होगा, लेकिन देश को पिछले ३०–३५ वर्षों तक जिस तरह रखा गया, उसका हिसाब मांगने का अधिकार उन्हें है। उन्होंने पुराने नेताओं को ‘थान्को में बैठने’ की चेतावनी देते हुए कहा, “यदि आपने दो तिहाई का घमंड, भीड़-भाड़ का अहंकार और ताकत का दिखावा किया, तो आपको फिर हेलिकॉप्टर में लटक कर भागना पड़ेगा।”
स्रोतों के अनुसार, नेकपा एमाले के सचिव राजन भट्टराई ने कहा कि लामिछाने दलों पर हमला करके अपने ऊपर उठे सवालों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक अरुणकुमार सुवेदी ने कहा कि लामिछाने की शैली व्यक्तिगत केंद्रित है और उन्हें गाली-गलौज से बाहर आना चाहिए।











