नई दिल्ली: अमेरिका के तीन प्रभावशाली सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए ५० प्रतिशत शुल्क को समाप्त करने की मांग करते हुए अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया है। सांसदों का कहना है कि भारत के प्रति अपनाई गई यह “गैर-जिम्मेदाराना शुल्क रणनीति” न केवल व्यापार को नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि दोनों देशों के बीच अहम रणनीतिक साझेदारी को भी कमजोर करेगी।
उत्तर कैरोलाइना की प्रतिनिधि डेबोरा रॉस, टेक्सास के प्रतिनिधि मार्क वेसी और इलिनोइस के प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति ने शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में यह प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव में भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर लगाए गए ५० प्रतिशत तक के शुल्क को रद्द करने का अनुरोध किया गया है, ताकि व्यापार नीति पर कांग्रेस के संवैधानिक अधिकार को बहाल किया जा सके।
प्रस्ताव में उस राष्ट्रीय आपातकालीन आदेश को समाप्त करने का भी प्रावधान है, जिसे ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (आईईईपीए) के तहत लागू करते हुए भारतीय उत्पादों पर व्यापक शुल्क लगाया था। इन शुल्कों में रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर लगाया गया २५ प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है।
सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारत के खिलाफ यह शुल्क नीति अमेरिका के हित में नहीं है। उनके अनुसार, “ये टैरिफ अमेरिकी आपूर्ति शृंखलाओं को बाधित करते हैं, श्रमिकों को नुकसान पहुंचाते हैं और उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ बढ़ाते हैं।” उन्होंने कहा कि भारत के साथ मिलकर काम करने से अमेरिका अपनी आर्थिक और सुरक्षा जरूरतों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकता है।










