नई दिल्ली: बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत कोर्ट ऑफ़ कैसेशन ने भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने भारत लौटने (प्रत्यर्पण) के खिलाफ दलीलें दी थीं।
यह फैसला उस १७ अक्टूबर २०२५ के निर्णय को बरकरार रखता है, जिसमें एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्सने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को “लागू करने योग्य” (‘एन्फोर्सेबल’) घोषित किया था।
अदालत ने चोकसी द्वारा प्रस्तुत दलीलों, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में उन्हें न्याय नहीं मिलेगा या अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ सकता है को “काफी ठोस प्रमाण” न पाए जाने के कारण खारिज कर दिया। इस प्रकार, अब कानूनी रूप से चोकसी को भारत वापस भेजे जाने की राह लगभग साफ हो चुकी है।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के करीब ₹१३,०००–१३,८५० करोड़ के कथित घोटाले मामले में आरोपी मेहुल चोकसी अप्रैल २०२५ से बेल्जियम की जेल में बंद हैं।
इस फैसले को भारत सरकार और जांच एजेंसियों के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है।









