श्रीनगर: आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने मंगलवार को लाल क़िले के पास हुए विस्फोट पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे लोगों को अलग-थलग किया जाना चाहिए, जो समाज में नफ़रत और हिंसा का ज़हर घोलने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने श्रीनगर में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जो लोग दूसरों के दिमाग़ में ज़हर घोलकर उन्हें हिंसा के लिए उकसाते हैं, उन्हें सख़्ती से निपटाया जाना चाहिए।”
आध्यात्मिक गुरु ने लोगों से शांति और एकता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “हम सब एक हैं, एकजुट हैं। देश में अमन बना रहना चाहिए और हमें मिलकर प्रगति की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।”
हाल ही में गिरफ्तार किए गए तीन कश्मीरी चिकित्सकों, जिनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिला था, के बारे में पूछे जाने पर श्री श्री ने कहा, “उन्हें सही शिक्षा नहीं मिली है। उन्हें मानवीयता और शांति की शिक्षा देने की ज़रूरत है।”
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। “मैं सात साल बाद यहां आया हूं और देख रहा हूं कि कश्मीर में अमन-चैन है। यहां के युवा ऊर्जावान हैं और शांति का संदेश फैलाना चाहते हैं,” उन्होंने कहा।
ज्ञात हो कि हाल के दिनों में आईएसआईएस से जुड़े आतंकी गतिविधियों में युवाओं की संलिप्तता को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। श्री श्री रविशंकर ने इसी सन्दर्भ में कहा कि कट्टरपंथ से दूर रहकर शिक्षा और संवाद के ज़रिए ही समाज में स्थायी शांति लाई जा सकती है।










