नई दिल्ली: दिग्गज भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को एक बार फिर टेस्ट टीम से बाहर रखा गया है, जिससे बीसीसीआई की चयन नीति पर सवाल उठने लगे हैं। शमी को दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ २ मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए चयनित टीम में शामिल नहीं किया गया, जबकि वह रणजी ट्रॉफी में शानदार फ़ॉर्म में थे। इसके अलावा, चयनकर्ताओं ने उन्हें इंडिया ए टीम में भी शामिल नहीं किया।
इस विवाद पर भारत के पूर्व क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने भी बयान दिया। अश्विन का कहना है कि वर्तमान फ़ॉर्म और प्रदर्शन के आधार पर शमी को टीम में जगह मिलनी चाहिए थी। बंगाल के ३५ वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ ने रणजी ट्रॉफी २०२५-२६ में ३ मैचों में १५ विकेट लेकर अपनी फ़ॉर्म और फिटनेस साबित की है। अश्विन ने कहा कि यदि विकेट और प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाए, तो शमी को भारतीय टीम में होना चाहिए था।
अश्विन ने यह भी कहा कि चयनकर्ताओं की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि या तो वे शमी से ज़्यादा उम्मीद नहीं रख रहे हैं या उन्हें टीम की योजनाओं से ही बाहर रखा गया है। ऐसे मामले में खिलाड़ियों के साथ स्पष्ट बातचीत होना ज़रूरी है, ताकि उन्हें पता चले कि कहाँ सुधार करने की आवश्यकता है।
अश्विन के इस बयान के बाद फिर से बहस शुरू हो गई है, क्योंकि शमी की जगह बंगाल के अन्य तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप को मौका मिला है, जिनका हालिया प्रदर्शन खास नहीं रहा है। इस सीज़न की रणजी ट्रॉफी में शमी का औसत केवल १५.५३ का रहा है और उन्होंने एक बार इनिंग्स में ५ विकेट भी लिए हैं। वहीं आकाश दीप ने अब तक केवल ४ विकेट लिए हैं।
इसके अलावा, शमी ने २०१९ में दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में ३ मैचों में १३ विकेट लिए थे और उनका औसत १४.७६ का था। ये आँकड़े भी यह साबित करते हैं कि शमी इस टीम के खिलाफ हमेशा प्रभावशाली साबित हुए हैं।










