वर्ल्ड कप फाइनल में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने में सफल ज्योति सुरेखा

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नई दिल्ली: भारतीय आर्चर ज्योति सुरेखा वेन्नम ने शनिवार को चीन के नानजिंग में आयोजित आर्चरी वर्ल्ड कप फाइनल में इतिहास रचते हुए कांस्य पदक जीतकर महिला कम्पाउंड आर्चरी वर्ल्ड कप फाइनल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं।
एशियन गेम्स की चैंपियन ज्योति ने वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे स्थान पर रहने वाली ब्रिटेन की आर्चर एला गिब्सन के खिलाफ १५ परफेक्ट तीरों के साथ असाधारण प्रदर्शन करते हुए १५०-१४५ से जीत हासिल की।
ज्योति ने आठ आर्चरों के वर्ल्ड कप फाइनल के क्वार्टरफाइनल में अमेरिका की एलेक्सिस रूइज को १४३-१४० से हराकर आत्मविश्वासपूर्ण शुरुआत की थी। सेमीफाइनल में उन्होंने विश्व की नंबर एक खिलाड़ी, मेक्सिको की एंड्रिया बेसेरा के खिलाफ १४३-१४५ से हार का सामना किया। सेमीफाइनल में हारने के बावजूद ज्योति ने संयम और मानसिक मजबूती दिखाई।
कांस्य पदक की प्रतिस्पर्धा में ज्योति ने असाधारण वापसी करते हुए ५ एण्ड में लगातार १५ बार सटीक निशाना लगाया और पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल पोडियम पर जगह बनाई। उन्होंने कहा, “यह जीत मेरे लिए विशेष क्षण है। वर्ल्ड कप फाइनल में कांस्य पदक जीतना मेरे करियर का अब तक का सबसे यादगार अनुभव है।”
यह ज्योति का तीसरा वर्ल्ड कप फाइनल है। इससे पहले उन्होंने २०२२ और २०२३ संस्करण में हिस्सा लिया था, लेकिन दोनों बार शुरुआती चरण में बाहर हो गई थीं।
महिला कम्पाउंड श्रेणी में भारत की मधुरा धमांगांवकर पहले राउंड में मेक्सिको की मारियाना बर्नाल के खिलाफ १४२-१४५ से पराजित हुईं। पुरुष कम्पाउंड श्रेणी में रिषभ यादव भारत के एकमात्र प्रतिभागी हैं और उनका मुकाबला दक्षिण कोरिया के किम जोंघो से होगा। रिकर्व श्रेणी में कोई भी भारतीय खिलाड़ी क्वालीफाई नहीं कर सका।

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