लद्दाख की दुर्गम याबत तोकपो घाटी में एक अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज करते हुए, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की अधिकारी मेजर जूनती जान दास ने ६१२० मीटर ऊंची अज्ञात चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और इतिहास रचा।
इस चोटी का नाम अब ‘माउंट लामो’ रखा गया है, जो स्थानीय परंपराओं और देवी मां काली की दिव्य शक्ति का प्रतीक है। यह चोटी अब तक अज्ञात और अत्यंत कठिन मानी जाती थी, जिस पर सदियों से कोई चढ़ाई नहीं हुई थी।
मेजर जूनती, असम के डिब्रूगढ़ जिले की मोहनबाड़ी की निवासी हैं। उन्होंने पुणे स्थित कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एएफएमसी से स्नातक की पढ़ाई की, नवजात शिशु नर्सिंग में पीजी डिप्लोमा और अस्पताल प्रशासन में एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
वह देश की रक्षा सेनाओं के कई प्रमुख अस्पतालों में तैनात रह चुकी हैं और वर्ष २०२२-२३ में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस), साउथ सूडान में आईसीयू नर्स के रूप में भी सेवा दी।
मेजर जूनती एक कुशल पर्वतारोही भी हैं। उन्होंने पहले माउंट रेणोके (५०२९ मीटर), माउंट काबरू डोम बेस (५३३० मीटर), माउंट नंदा घुन्टी (६३०९ मीटर) और माउंट खांचेनगायो (६८८९ मीटर) पर सफल चढ़ाई की है।
इसके अलावा वह एक अल्ट्रा मैराथन धाविका भी हैं। वर्ष २०२१ में उन्हें चीफ ऑफ नेवल स्टाफ कमेंडेशन से सम्मानित किया गया।
मेजर जूनती जान दास ने साबित किया कि “शक्ति का ही नाम नारी है।” उनकी सेवा, समर्पण और साहस पूरे देश की बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।