उच्च माध्यमिक: तीसरे सेमेस्टर परीक्षा में समय और प्रश्नपत्र जटिलता को लेकर छात्रों और शिक्षकों की चिंता

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कोलकाता: उच्च माध्यमिक शिक्षा के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर छात्र, शिक्षक और अभिभावक चिंता में हैं। खासकर फिजिक्स, अकाउंटेंसी और गणित जैसे विषयों के लंबे और जटिल प्रश्नपत्रों को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। परीक्षार्थियों का कहना है कि प्रश्न पुस्तिका में हर पन्ने पर अंक छपे होने के कारण सवालों को पढ़ने और समझने में कठिनाई होती है।
विषय विशेषज्ञों के अनुसार, अंक सवालों के बीच या किनारे पर होने चाहिए ताकि पढ़ाई में आसानी हो। शिक्षकों का मानना है कि गणित ही नहीं, भौतिकी, अकाउंटेंसी और शिक्षाशास्त्र जैसे अन्य कठिन विषयों में भी छात्रों को समान चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए शिक्षकों और छात्रों ने परीक्षा अवधि को वर्तमान डेढ़ घंटे से बढ़ाकर दो घंटे करने की मांग की है। उनका कहना है कि प्रश्नों की संख्या और जटिलता को देखते हुए वर्तमान समय पर्याप्त नहीं है।
कुछ विषयों में ओएमआर शीट भरने में समय लगता है और बचा हुआ समय प्रश्न हल करने के लिए पर्याप्त नहीं होता। इसके कारण छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ता है।
छात्रों और शिक्षकों की अपील है कि २०२६ से परीक्षा समय में बदलाव किया जाए और परीक्षा संसद मूल्यांकन शुरू होने से पहले इस पर ठोस निर्णय ले ताकि परीक्षा प्रक्रिया अधिक न्यायपूर्ण और छात्रों के अनुकूल बन सके।

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