बिर्तामोड़: आठ राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले को वापस लेने और संसद का सत्र बुलाने की माँग की है। उन्होंने और आंदोलनकारी समूहों ने इस बात पर जोर दिया है कि जनता द्वारा चुनी गई संस्थाओं से ही संबोधन करने की मांग की है। संयुक्त विज्ञप्ति जारी करते हुए उन्होंने अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक ढंग से संसद् को दरकिनार कर सड़क से सरकार गठन और प्रतिनिधिसभा को भंग करने पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा है कि “नेपाली जनता के लम्बे संघर्ष और बलिदान से प्राप्त लोकतंत्र और संविधानसभा से जारी हुए संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्रात्मक संविधान विपरीत कदम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि प्रतिनिधिसभा को भंग करने का कार्य नेपाल के संविधान की धारा ७६ के उपधारा (७), सर्वोच्च अदालत से प्रतिपादित नजिर और सिद्धान्त एवं संवैधानिक परम्परा विपरीत है।
विज्ञप्ति जारी करने वालों में नेपाली कांग्रेस, नेकपा (एकीकृत माले), नेकपा (माओवादी केन्द्र), नेकपा (एकीकृत समाजवादी), जनता समाजवादी पार्टी, जनमत पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के नेता हैं।