अजात शत्रु
विश्व इतिहास में, महात्मा गांधी एकमात्र ऐसे दार्शनिक हैं जो न केवल सिद्धांतों के प्रतिपादक थे, बल्कि अपने युग के एक महान नेता भी थे। यही कारण है कि दुनिया आज भी उन्हें बहुत सम्मान और आदर देती है।
वे द्वितीय विश्व युद्ध की चपेट में आई दुनिया को यह समझाने में सफल रहे कि अहिंसा के मार्ग से परिवर्तन संभव है। उनका जन्म २ अक्टूबर, १८६९ को हुआ था और ३० जनवरी, १९४८ को उनका निधन हो गया।
महात्मा गांधी के २० प्रेरक उद्धरण:
१. जहाँ प्रेम नहीं, वहाँ जीवन नहीं
२. स्वतंत्रता एक राष्ट्र का शाश्वत यौवन है
३. कमज़ोर व्यक्ति कभी क्षमा नहीं कर सकता। क्षमाशीलता एक महान व्यक्ति का गुण है
४. किताब और मोती में बस यही अंतर है। मोती बाहर से चमकता है, और किताब अंदर से
५. पहले वे आपको अनदेखा करेंगे। वे तुम पर हँसेंगे। लेकिन अंत में तुम ही राज करोगे
६. ऐसे सीखो जैसे तुम्हें हमेशा जीना है। लेकिन ऐसे जियो जैसे तुम्हें कल ही मरना है
७. अगर तुम दुनिया को बदलते देखना चाहते हो, तो पहले खुद को बदलना सीखो
८. इंसान वही बनता है जो वह सोचता है
९. इंसान अपने विचारों की उपज होता है
१०. मेरी इजाज़त के बिना कोई मुझे चोट नहीं पहुँचा सकता
११. खुशी तभी मिलती है जब तुम जो सोचते, कहते और करते हो, उसके बीच सामंजस्य हो
१२. अगर तुम दुनिया में शांति चाहते हो, तो शुरुआत अपने बच्चों से करो
१३. खुद को जानना, दूसरों की सेवा में खुद को समर्पित करके खुद को जानना है
१४. भले ही तुम अल्पमत में हो, सत्य तो सत्य है
१५. महानता उसे पाने के बाद नहीं, बल्कि उसे पाने के संघर्ष में मिलती है
१६. अगर तुम कहते हो, “तुम मेरी आँखें फोड़ोगे, मैं तुम्हारी आँखें फोड़ दूँगा,” तो दुनिया अंधी हो जाती है
१७. आपका भविष्य आपके आज के काम से तय होता है
१८. अगर आप एक सफल जीवन जीना चाहते हैं, तो आपको सफलता की भावना छोड़ देनी चाहिए
१९. जब एक इल्ली सोचती है कि दुनिया खत्म हो रही है, तो वह एक खूबसूरत तितली में बदल जाती है
२०. अपनी आवाज़ ऊँची मत करो, बल्कि अपनी तर्कशक्ति को सुधारो