मुख्यमंत्री ममता और बांग्लादेश के उच्चायुक्त हमीदुल्लाह के बीच मुलाक़ात

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कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम. रियाज हमीदुल्लाह के बीच नवान्न में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हुई अहम चर्चा सौहार्दपूर्ण रही। सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान ममता ने उल्लेख किया कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के लोगों के बीच जो चिरस्थायी भाषिक, सांस्कृतिक और समान मूल्य आधारित आत्मिक संबंध हैं, वे आर्थिक और व्यापारिक संबंधों से भी ऊपर हैं। उन्होंने यह भी दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि भविष्य में वह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को निरंतर बनाए रखेंगी।
जॉइंट जियो-इकॉलॉजिकल स्टडी के प्रस्ताव पर हुई चर्चा:
बैठक में कई संवेदनशील विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में बांग्लादेश के सिराजगंज स्थित रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक निवास पर हाल में हुए कथित हमले का मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया। इस पर मुख्यमंत्री पहले ही भारत के प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग कर चुकी थीं। प्रशासनिक सूत्रों से पता चला है कि बैठक में बांग्लादेश की ओर से स्पष्ट किया गया कि यह घटना किसी धार्मिक वैमनस्य से नहीं, बल्कि एक स्थानीय निजी विवाद से जुड़ी ‘कानून-व्यवस्था’ की समस्या थी। उच्चायुक्त ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए बांग्लादेश सरकार पहले से ही कदम उठा रही है। इस अहम बैठक में भारत-बांग्लादेश के बीच एक संयुक्त भू-प्राकृतिक सर्वेक्षण (जॉइंट जियो-इकॉलॉजिकल स्टडी) का प्रस्ताव भी सामने आया। दोनों देशों की जमीन, प्रकृति और जैव विविधता की साझी विरासत को केंद्र में रखकर इस सर्वेक्षण को ऐतिहासिक पहल बताया गया। अंतरिम सूत्रों के अनुसार एक और संवेदनशील मुद्दा जिसे बैठक में विशेष महत्व मिला, वह था ‘पुशबैक’ यानी बांग्ला भाषा बोलने वाले लोगों को बांग्लादेशी बताकर सीमा पार कराना। हाल में विधानसभा सत्र में ममता बनर्जी ने इस पर नाराजगी जताई थी कि बंगालियों को जबरन बांग्लादेश भेजा जा रहा है। हालांकि, राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया कि यह विषय केंद्र और बांग्लादेश सरकार के बीच कूटनीतिक बातचीत से ही हल हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टर यूनुस को शुभकामनाएं भेजीं:
सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेशी राजदूत ने भी इस बैठक को सौहार्दपूर्ण बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सिर्फ आम और हिल्सा मछली का आदान-प्रदान नहीं होता, बल्कि गहन सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध भी हैं, जिन्हें और मजबूत किया जाना चाहिए। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बांग्लादेश में वर्तमान कार्यकारी शासन के प्रमुख डॉक्टर यूनुस को शुभकामनाएं भेजीं और दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। सूत्रों के अनुसार हमीदुल्लाह ने ममता को चार पुस्तकों का एक सेट उपहार में दिया, जिसमें बांग्लादेश के विभिन्न हिंदू त्योहारों की तस्वीरें और विवरण हैं। वहीं ममता ने उन्हें बंगाली संस्कृति और जातीयता से संबंधित उपहार भी दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री और बांग्लादेश के उच्चायुक्त के साथ सीएस मनोज पंत और बांग्लादेश उप उच्चायोग के राजनीतिक सलाहकार मोहम्मद अशरफुर रहमान भी मौजूद थे। कुल मिलाकर, नवान्न में करीब ४५ मिनट तक चली यह बैठक भारत-बांग्लादेश संबंधों को एक नई दिशा में ले जाने वाला सकारात्मक संवाद साबित हुई।

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