पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत सुनवाई शुरू

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के तहत शनिवार से सुनवाई शुरू हो गई है। राज्य भर के ३,२३४ मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में मतदाता अपनी पहचान और पते से संबंधित दस्तावेजों के साथ पहुंचे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रत्येक केंद्र पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। सुनवाई का पहला चरण सुबह ११ बजे शुरू हुआ।
अधिकारियों के मुताबिक, पहचान और पता स्पष्ट रूप से प्रमाणित नहीं कर पाने वाले लगभग ३२ लाख मतदाताओं को सुनवाई के लिए बुलाया गया है। इन मतदाताओं को ‘अनमैप्ड’ श्रेणी में रखा गया है।
इस चरण की सुनवाई की निगरानी के लिए कुल ४,५०० माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात किए गए हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, सुनवाई केंद्रों पर केवल अधिकृत निर्वाचन अधिकारी ही उपस्थित रहेंगे, जिनमें निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, बूथ लेवल अधिकारी और पर्यवेक्षक शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि मतदाता पहचान और पते के प्रमाण के रूप में १२ मान्यता प्राप्त दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं। इनमें आधार कार्ड भी शामिल है, लेकिन आधार कार्ड को अकेले दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
८५ वर्ष या उससे अधिक आयु के मतदाताओं को सुनवाई केंद्रों पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे मामलों में निर्वाचन आयोग के अधिकारी स्वयं उनके घर जाकर पूरी प्रक्रिया पूरी करेंगे।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सुनवाई केंद्रों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका उद्देश्य पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और शुद्धता बनाए रखना है।
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने १६ दिसंबर को एसआईआर के बाद राज्य की मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की थी। इस दौरान मृत्यु, स्थानांतरण और आवश्यक प्रपत्र जमा न करने जैसे कारणों से 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए थे।

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