इस्लामाबाद: पाकिस्तान की मुश्किलों में घिरी नेशनल फ्लैग रहा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पिआइए) आखिरकार प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ गई है। गुरुवार को, पाकिस्तान आर्मी की स्वामी त्व वाली फौजी फर्टिलाइजर कंपनी (एफएफसी) ने घोषणा की कि वह प्राइवेट आरिफ हबीब कंसोर्टियम (एएचसी) के साथ पार्टनरशिप करेगी। एएचसी ने मंगलवार को पिआइए में ७५ परसेंट हिस्सेदारी के लिए $४८० मिलियन (लगभग रुपये १३,५०० करोड़) की सबसे ऊंची बोली जीती थी।
इस प्रोसेस को पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्राइवेटाइजेशन एक्सरसाइज माना जाता है, लेकिन कहा जाता है कि इसमें कुछ मुश्किलें जुड़ी हैं। एनालिस्ट का कहना है कि एक कंसोर्टियम में पाकिस्तान आर्मी की स्वामित्व वाली कंपनी का हिस्सा होना, चाहे उसका इन्वेस्टमेंट कितना भी बड़ा हो, इस बात का संकेत है कि पिआइए का प्राइवेटाइजेशन ट्रेडिशनल मॉडल से अलग है।
डॉन के कॉलमिस्ट खुर्रम हुसैन ने इसे “लगातार सरकारी मालिकाना हक में किया गया एक अनोखा प्राइवेटाइजेशन” कहा। उनके मुताबिक, पिआइए को टेकओवर करने की तैयारी कर रहे नए कंसोर्टियम में आने वाले दिनों में सरकारी और प्राइवेट बिजनेस के बीच कोलेबोरेशन का एक नया चैप्टर शुरू करने का पोटेंशियल है। एनालिस्ट्स का कहना है कि पिआइए का प्राइवेटाइजेशन प्रोसेस उस मॉडल से अलग है जिसमें भारत सरकार ने एयर इंडिया को पूरी तरह से टाटा ग्रुप को १८,००० करोड़ रुपये में सौंप दिया था।
२०२१ में हुई एयर इंडिया डील के मुकाबले, पिआइए के हालात और चैलेंज बहुत अलग हैं। नए कंसोर्टियम के लिए सबसे बड़ा चैलेंज एयरलाइन को रिवाइव करना है, जो भारी कर्ज के बोझ और बहुत ज्यादा स्टाफ नंबर से दबी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पाकिस्तान स्टील मिल्स के प्राइवेटाइजेशन की कोशिश को खारिज करने के बाद से यह पाकिस्तान में पहली बड़ी प्राइवेटाइजेशन एक्सरसाइज है। इसे आने वाले दिनों में स्टील मिल्स और पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों जैसी दूसरी सरकारी एंटिटीज के लिए ‘लिटमस टेस्ट’ के तौर पर भी देखा जा रहा है।
इस तरह मुश्किल में पड़ी पिआइए:
कर्ज में डूबी पिआइए २०२० में कराची में हुए प्लेन क्रैश के बाद मुश्किल में पड़ गई थी। इस एक्सीडेंट में ९७ लोगों की मौत हो गई थी। क्रैश के बाद सरकारी जांच में पता चला कि पिआइए के ८६० पायलटों में से २६२ के पास “नकली लाइसेंस” थे।
यह खुलासा उस समय के एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने पब्लिक किया था। हालांकि, बुधवार को पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने इन दावों को “बेबुनियाद” बताया।
२०२० के कराची क्रैश के बाद युके और इयु एविएशन सेफ्टी रेगुलेटर्स के पिआइए फ्लाइट्स पर बैन लगाने के बाद एयरलाइन की हालत और खराब हो गई। हालांकि, यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी और युके की एयर सेफ्टी कमेटी ने इस साल बैन हटा दिया।










