कोलकाता: धनतेरस पर परंपरागत रूप से बर्तन, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी होती रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एक और वस्तु है जो इस शुभ अवसर पर तेजी से लोकप्रिय हो रही है – झाड़ू। इस बार धनतेरस पर झाड़ू की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। बाजारों में मांग इतनी अधिक रही कि कई दुकानदारों को अतिरिक्त स्टॉक मंगवाना पड़ा।
धार्मिक मान्यता जुड़ी है कारणों से:
मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है। झाड़ू को न केवल सफाई का प्रतीक माना जाता है, बल्कि यह दरिद्रता को दूर करने और समृद्धि लाने वाला भी माना गया है। इसी विश्वास के चलते लोग इस दिन झाड़ू खरीदकर अपने घरों में सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करते हैं।
बाजारों में रिकॉर्ड बिक्री:
धनतेरस पर इस साल महानगरों के बाजारों में झाड़ू की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले वर्ष की तुलना में बिक्री में करीब ३०-४०% की वृद्धि दर्ज की गई है। खासतौर पर हैंडमेड और सजावटी झाड़ू की मांग में जबरदस्त इज़ाफा देखा गया। ग्राहक पारंपरिक झाड़ू के बजाय अब आकर्षक रंगों और डिज़ाइनों वाली झाड़ू को अधिक पसंद कर रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार लोग इसे शुभ मानते हुए पहले ही खरीदारी कर रहे हैं। झाड़ू की इस बढ़ती मांग ने बाजार में एक नया ट्रेंड स्थापित कर दिया है, जो हर वर्ष बढ़ता ही जा रहा है।
दुकानदारों की प्रतिक्रिया:
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि इस बार झाड़ू के प्रति लोगों की दिलचस्पी आश्चर्यजनक रही। एक दुकानदार ने बताया, “पहले लोग बर्तन या सोना-चांदी खरीदने को ही शुभ मानते थे, लेकिन अब झाड़ू भी धनतेरस की सूची में शामिल हो गया है। खासकर महिलाएं इसे बहुत महत्व दे रही हैं।”
ऑनलाइन बिक्री में भी बढ़ोतरी
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी झाड़ू की बिक्री में तेजी आई है। खासकर आयुर्वेदिक या विशेष घास से बनी झाड़ू को लोग स्वास्थ्य और वास्तु के लिहाज से भी पसंद कर रहे हैं।