मणिपाल हॉस्पिटल, ईएम बायपास और एलसीआई की पहल “मैमो मिशन”

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जागरूकता और स्क्रीनिंग के ज़रिए महिलाओं को सशक्त बनाना मकसद

कोलकाता: स्तन कैंसर जागरूकता महीने के अवसर पर, भारत की प्रमुख अस्पताल श्रृंखला मणिपाल हॉस्पिटल्स ग्रुप की इकाई मणिपाल हॉस्पिटल ईएम बायपास ने लेडीज़ सर्कल इंडिया (एलसीआई) के साथ मिलकर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य था स्तन कैंसर के प्रति शिक्षा देना, शुरुआती पहचान को प्रोत्साहित करना और प्रभावित महिलाओं को मानसिक सहारा प्रदान करना।
कार्यक्रम में मौजूद थीं, डा. नेहा चौधरी- वरिष्ठ सलाहकार एवं विभाग प्रमुख, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (ब्रेस्ट सर्जरी), मणिपाल हॉस्पिटल, मुखुंदपुर क्लस्टर, डा. पूजा अग्रवाल, सलाहकार- सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (ब्रेस्ट सर्जरी), मणिपाल हॉस्पिटल ईएम बायपास, सीआर मानसी शाह, राष्ट्रीय विशेष कार्यक्रम संयोजक, एलसीआई।
इन सभी ने शुरुआती पहचान और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की थीम “हर कहानी अनोखी है, हर यात्रा मायने रखती है”(“Every Story is Unique, Every Journey Matters”) के अनुरूप, कार्यक्रम में हर महिला की कैंसर यात्रा को सम्मानित किया गया और जागरूकता व रोकथाम के महत्व पर ज़ोर दिया गया।
एलसीआई ने अपने देशव्यापी अभियान “मैमो मिशन” की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य है “खुद की जांच करें, स्वस्थ रहें और अपनी देखभाल करें”(“Check. Thrive. Protect”)।
इस पहल के तहत कोलकाता में एलसीआई ने मणिपाल हॉस्पिटल के साथ मिलकर काम किया।
कार्यक्रम के दौरान स्वस्थ जीवनशैली, स्तन की स्वयं जांच के तरीके, और नवीनतम उपचार विधियों पर चर्चा की गई। विभिन्न पेशों की महिलाएं इस इंटरैक्टिव सत्र में शामिल हुईं।
मणिपाल हॉस्पिटल, ईएम बायपास ने लेडीज़ सर्कल इंडिया की सदस्याओं के लिए मुफ्त चिकित्सक परामर्श की सुविधा दी।
डॉक्टर की सलाह पर जरूरत पड़ने पर मुफ्त मैमोग्राम परीक्षण भी किया जाएगा। इस पहल के अंतर्गत कुल २० मुफ्त मैमोग्राम स्क्रीनिंग प्रदान की जाएंगी।
इस अवसर पर सीआर मानसी शाह ने कहा, “मैमो मिशन के ज़रिए हम हर महिला, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को यह याद दिलाना चाहते हैं कि समय पर पहचान जीवन बचा सकती है। हम चाहते हैं कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और नियमित जांच कराएं। हम मणिपाल हॉस्पिटल के आभारी हैं, जिन्होंने हमारे साथ इस जीवनरक्षक पहल में साझेदारी की।”
डा. नेहा चौधरी ने कहा, “हर स्तन कैंसर की कहानी अलग होती है, लेकिन बचाव की शुरुआत एक ही कदम से होती है- समय पर जांच से। नियमित आत्म-परीक्षण और मैमोग्राम सबसे प्रभावी साधन हैं। आइए डर को ज्ञान में बदलें और जागरूकता के साथ मिलकर स्तन कैंसर से लड़ें।”
डा. पूजा अग्रवाल ने कहा, “ज्ञान और समय पर कदम जीवन बदल सकता है। मैमो मिशन के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर महिला को जागरूकता और स्क्रीनिंग की सुविधा मिले। क्योंकि हर यात्रा मायने रखती है, और सही समय पर की गई देखभाल डर को साहस और उम्मीद में बदल सकती है।”
इस सहयोग के माध्यम से लेडीज़ सर्कल इंडिया शिक्षा और सेवा के ज़रिए समाज में वास्तविक परिवर्तन लाना चाहती है, वहीं मणिपाल हॉस्पिटल अपने सामाजिक दायित्व और रोकथाम आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत कर रहा है।
दोनों संस्थाएं मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि स्तन स्वास्थ्य जागरूकता केवल संदेश न रहे, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बने।

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