महाअष्टमी पर बेलूर मठ में कुमारी पूजा, विवेकानंद की परंपरा जीवित

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कोलकाता: महाअष्टमी के पावन अवसर पर आज बेलूर मठ में सदियों पुरानी कुमारी पूजा का आयोजन हुआ। इस परंपरा की शुरुआत स्वामी विवेकानंद ने १९०१ में की थी, जब उन्होंने देवी दुर्गा की आराधना के साथ एक कन्या में माँ के स्वरूप का दर्शन कराया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुमारी पूजा में ४ से ६ वर्ष की अविवाहित कन्या को देवी का रूप मानकर विधिवत पूजा की जाती है। शास्त्रों में वर्णन है कि देवी कुमारी रूप में प्रकट होकर असुरों का संहार करती हैं।
बेलूर मठ में इस वर्ष दुर्गा पूजा का १२५वां वर्ष है। पंचांग के अनुसार बोधन से लेकर कुमारी पूजा तक की सभी रस्में पूरी श्रद्धा और भव्यता से निभाई गईं। भक्तों ने कहा कि यह परंपरा नारीशक्ति के सम्मान का प्रतीक है।

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