कोलकाता: पूर्वी भारत में डिजिटल प्रगति और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की भूमिका को लेकर शुक्रवार को कोलकाता में “डिजिटल सक्सेस समिट २०२५” का आयोजन हुआ। यह सम्मेलन अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और इसमें ५०० से अधिक पेशेवर शामिल हुए।
सम्मेलन में ४०० से अधिक सीईओ, वाइस प्रेसिडेंट, उद्यमी और निवेशकों ने भाग लिया। इसमें मुख्य रूप से एआई-आधारित बिज़नेस ट्रांसफ़ॉर्मेशन, साइबर सुरक्षा और डेटा-आधारित रणनीति पर चर्चा हुई।
इंडस नेट टेक्नोलॉजीज़ के संस्थापक और सीईओ अभिषेक रुँगटा ने कहा, “एआई और डिजिटल रणनीति आने वाले समय में व्यवसाय, कला, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित हर क्षेत्र में भरोसेमंद साधन बनेंगे। यह केवल नवाचार तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि तेजी से विस्तार के लिए भी आवश्यक होंगे।”
कंपनी के डायरेक्टर शांतनु मुखर्जी ने बताया, “आज के दौर में एआई-आधारित डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन ही देश की ग्रोथ स्ट्रैटेजी है। क्लाइंट-केंद्रित अनुभव, डेटा-आधारित प्रबंधन और तकनीक-निर्भर निर्णय भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई गति दे रहे हैं।”
सम्मेलन में वक्ता के रूप में संतोष पांडा, उमेश भूतोरिया, सुशोभन मुखर्जी, मनीष विज, अरिंदम दत्ता और आलोक मजूमदार ने भाग लिया। उनके अनुसार, आने वाले दिनों में पूर्वी भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की नींव एआई और साइबर सुरक्षा पर ही टिकी होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समिट केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि पूर्वी भारत के डिजिटल भविष्य का रोडमैप है। आने वाले दशक में व्यवसाय, शिक्षा और स्वास्थ्य समेत हर क्षेत्र में एआई और डिजिटल रणनीतियाँ आर्थिक प्रगति के मुख्य हथियार बनेंगी।